Saturday 23 December 2017

पनामा पेपर्स में कार्रवाई शुरू

कुख्यात पनामा पेपर मामले में भारत के आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई शुरू कर दी है। आयकर विभाग ने दिल्ली और एनसीआर में 25 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की। आयकर विभाग की टीम ने पटेल, खाद्य प्रसंस्करण, वित्तीय सेवा और टायर के कारोबार में शामिल तीन व्यापारिक समूहों पर छापेमारी में चार करोड़ कैश और ज्वैलरी अपने कब्जे में कर ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में कहा था कि पनामा पेपर्स मामले में 792 करोड़ रुपए की अघोषित सम्पत्ति का पता चला है और इसकी जांच तेजी से चल रही है। एक साल पहले वाशिंगटन स्थित इंटरनेशनल कंसोर्टियन ऑफ इंवेस्टीगेटिक जर्नलिस्ट ने पनामा पेपर्स का खुलासा किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कारोबारी और पूर्व आईपीएल चेयरमैन चिरायु अमीन के नियंत्रण वाली कंपनी के 10.35 करोड़ रुपए के म्यूचुअल फंड को फेमा कानून के तहत जब्त किया है। यह कार्रवाई पनामा पेपर्स मामले में की गई है। पनामा पेपर्स मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 46 और फर्मों को फेमा कानून के तहत नोटिस जारी किया है। पनामा पेपर्स में लगभग डेढ़ सौ मामलों को कार्रवाई योग्य मानते हुए ईडी अब तक संबंधित फर्मों को नोटिस जारी कर चुका है। पनामा पेपर्स मामले की जांच के लिए केंद्र सरकार ने ईडी समेत कई एजेंसियों को मिलाकर मल्टी एजेंसी ग्रुप का गठन किया है। इस मामले में अब तक सात रिपोर्ट सरकार को भेजी जा चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल इंटरनेशनल कंसोर्टियन ऑफ इंवेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट ने लगभग एक करोड़ 15 लाख गुप्त दस्तावेजों को सार्वजनिक किया था। इसके अनुसार पनामा स्थित मोसेक फोसेका फर्म ने कई देशों के नागरिकों को टैक्स बचाने में गैर कानूनी रूप से मदद की थी। इनमें भारत या भारतीय मूल के 426 लोगों अथवा फर्मों के नाम थे। उधर पड़ोसी पाकिस्तान में पनामा पेपर्स को लेकर सख्त कार्रवाई शुरू हो चुकी है। इन पेपर्स के कारण पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपने पद से हटना पड़ा। नवाज को इस मामले को लेकर पाक के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के सामने पेश होना पड़ा। शरीफ अपनी बेटी मरियम शरीफ एवं दामाद मोहम्मद सफदर के साथ अदालत में पहुंचे। भारत अभी नोटिस ही जारी कर रहा है और पाकिस्तान में तो कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है। यह कल्पना भारत में नहीं की जा सकती कि भ्रष्टाचार के आरोप में किसी दिग्गज को पद से हटना पड़े।

-अनिल नरेन्द्र

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