Tuesday 26 December 2017

मैक्स अस्पताल का लाइसेंस किसने बहाल किया?

जिंदा नवजात को मृत घोषित करने के मामले में शालीमार बाग मैक्स अस्पताल फिर से खुल गया है। बुधवार को अपील प्राधिकरण वित्तीय आयुक्त ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द किए जाने के दिल्ली सरकार के फैसले को पलट दिया। जब लाइसेंस बहाल ही करना था तो सरकार को यह ड्रामा करने की क्या जरूरत थी? भाजपा ने इसके पीछे सरकार और अस्पताल के बीच बड़ी डील होना बताया है। आप से बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा ने इसे केजरीवाल की सोची-समझी साजिश बताया है। वहीं दिल्ली सरकार ने इस मामले को उपराज्यपाल के ऊपर डालने की बात कही है। इसे लेकर आम आदमी पार्टी ने दो बार प्रेस वार्ता बुलाई और सफाई देती रही। उधर उपराज्यपाल अनिल बैजल की ओर से पहले ही स्पष्ट कर दिया गया कि उनका इस मामले में कुछ लेनादेना नहीं है। कुछ लोग अपने निजी लाभ के उद्देश्य से इस तरह की बातें कर रहे हैं। गत आठ दिसम्बर को शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल का दिल्ली सरकार ने लाइसेंस रद्द किया था। जीवित बच्चे को मृत बताने और पैकेट में सील करके परिजनों को सौंपने के मामले में यह कार्रवाई की गई थी। उधर दिल्ली सरकार की आठ दिसम्बर को हुई कार्रवाई के बाद अस्पताल प्रशासन इस मामले को लेकर दिल्ली सरकार के वित्तीय आयुक्त के पास गया था। वित्तीय आयुक्त इस तरह के मामले में अपीलीय अथारिटी है। उसने पहली ही सुनवाई पर लाइसेंस रद्द किए जाने के सरकार के फैसले पर स्टे लगा दिया। स्टे लगने के बाद अस्पताल में सभी व्यवस्थाएं पहले की तरह बहाल हो गई हैं। दिल्ली सरकार ने अपीलीय प्राधिकरण के स्टे को कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है। सरकार दिल्ली हाई कोर्ट में मामला लेकर जाएगी। यह दिलासा शुक्रवार को मृत बच्चों के परिजनों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस केस में सरकार के शीर्ष वकील काम कर रहे हैं। मृत बच्चों के दादा कैलाश सिंह ने बताया कि शुक्रवार को सुबह मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उन्हें आवास पर बुलाया था। वहां मुलाकात में परिजनों से मुआवजे का एक फार्म भरवाया। साथ ही सरकार के बेहतर वकीलों को इस केस में लगाने और परिजनों की हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया। बता दें कि लाइसेंस रद्द होने के फैसले पर रोक लगाने के बाद से ही परिजन मैक्स अस्पताल के बाहर बैठे हैं। उनकी मांग है कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।

-अनिल नरेन्द्र

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