Saturday, 13 January 2024

भाजपा का नारा-अबकी बार 400 पार

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए तीसरी बार मोदी सरकार, अबकी बार 400 पार का नारा दिया है। पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दो घंटे से अधिक समय में महासचिव संगठन, केन्द्राrय मंत्री व अन्य वरिष्ठ मुख्यमंत्रियों और महासचिवों से 2024 के चुनाव की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। बैठक में तय किया गया कि नव मतदाताओं, युवाओं और महिला मतदाताओं से ज्यादा से ज्यादा संपर्क किया जाए। पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में लोकसभा के कलस्टर में दौरे और रैलियां जरूर शुरू होंगी। भाजपा ने लोकसभा में मिशन 50 प्रतिशत वोट के साथ डेढ़ दर्जन राज्यों में सभी सीटें जीतने की रणनीति तैयार की है। इन राज्यों में लोकसभा की करीब 250 सीटें है और अभी इनकी अधिकांश सीटें भाजपा के पास ही है। अन्य राज्यों की लगभग 150 सीटें ऐसी हैं जिनको गठबंधन के साथ जीतने के लिए पार्टी ने कार्य योजना बनाई है। भाजपा का मिशन 50 फीसदी वोट सीटों के आंकड़ों के लिए सबसे अहम माना जा रहा है। बीते लोकसभा चुनाव में तीन सौ का आंकड़ा पार करने में उसे ़13 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में मिले 50 फीसदी से ज्यादा वोट सीटों को बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण साबित हुए थे। इनमें आठ को मिलाकर कुल दस राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों (गुंजरात, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, दमन-दीव और चंडीगढ़) की सभी (82) सीटें मिली थी। इन सीटों के लिए बड़ा लक्ष्य तय किया गया है। भाजपा की कार्य योजना में डेढ़ दर्जन से ज्यादा ऐसे राज्य और केन्द्राrय शासित प्रदेश शामिल हैं, जिनमें वह सभी सीटें जीत सकती हैं। इनमें मध्य प्रदेश (29), छत्तीसगढ़ (11), राजस्थान (25), गुजरात (26), हरियाणा (10), दिल्ली (7), उत्तराखंड (5), हिमाचल प्रदेश (4), गोवा (2), त्रिपुरा (2), मणिपुर (2), अरुणाचल प्रदेश (2), कर्नाटक (28), झारखंड (14), लद्दाख (1), चंड़ीगढ़ (1), दादरा नगर हवेली (1), दमन दीव (1) और सबसे बड़ा उत्तर प्रदेश (80) शामिल है। इन सभी राज्यों में लोकसभा की 251 सीटें हैं। भाजपा ने बीते चुनाव में इनमें से 220 सीटें जीती थीं। इन राज्यों में भाजपा को गठबंधन के साथ जीत की जोर आजमाइश है ः भाजपा को बिहार, असम, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और पंजाब में भी खासी सफलता मिलने की उम्मीद है, भाजपा को इन सात राज्यों में पिछली बार 195 सीटों में से 81 सीटें मिलीं थीं। बिहार, महाराष्ट्र और पंजाब में वह गठबंधन में चुनाव लड़ी थी। बिहार में उसने अपने हिस्से की (40 में 17) सभी सीटें मिली थीं। महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना गठबंधन को 48 में से 41 (भाजपा को 23) सीटें मिली थीं। पश्चिम बंगाल में उसे 18 सीटों की बड़ी सफलता मिली थी। इस बार भाजपा बिहार में छोटे दलों से गठबंधन कर ज्यादा सीटों पर लड़ेगी। पर जनता दल युनाइटेड और राजद के संभावित गठबंधन से उसे चुनौती मिलेगी। बंगाल में उसकी ताकत लगातार बढ़ रही है। उन्हें यहां अधिक सीटें जीतने की उम्मीद है। महाराष्ट्र में शिवसेना का सत्तारूढ धड़ा उसके साथ है। यहां भी पार्टी को बढ़त की आशा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी संगठन के प्रमुख नेताओं से पार्टी का 10 प्रतिशत वोट बढ़ाने की दिशा में काम करने को कहा है। पार्टी को विश्वास है कि अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह चुनाव में पार्टी के पक्ष में एक बड़ा मुद्दा होगा। वहीं पार्टी की प्राथमिकता युवा चेहरे हैं। जरूरत पड़ने पर कई केन्द्राrय मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को भी मैदान में उतारा जाएगा।

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