Tuesday, 16 January 2024

और अब खुला तीसरा मोर्चा

रूस-यूक्रेन की जंग पहले से ही चल रही है, इजरायल और हमास की जंग भी पिछले कई महीनों से चल रही है रही सही कसर अब तीसरे मोर्चे से खुल गई है। अमेरिका और ब्रिटेन की सेना ने यमन के हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले शुरू कर दिए हैं। अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों के साथ हमला तब शुरू किया है जब उसका एक अहम सहयोगी इजरायल गाजा में हमास के साथ युद्ध कर रहा है। गाजा में इजरायली सेना के हमले के खिलाफ मध्य-पूर्व के इस्लामिक देश एकजुट दिख रहे थे लेकिन यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले से स्थिति और जटिल हो सकती है। हूती विद्रोहियों को ईरान समर्थित कहा जाता है और सऊदी अरब यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ सालों से लड़ता रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का कहना है ईरान समर्थित हूती विद्रोही बीते साल नवम्बर से लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों को निशाना बना रहे हैं, ये हमले उसी की जवाबी कार्रवाई है। उन्हेंने कहा कि इस मामले में उन्हें नीदरलैंड, आस्ट्रेलिया, कनाडा, बहरीन समेत अन्य कई मुल्कों से मदद मिल रही है। वहीं ब्रितानी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि रॉयल एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों की मदद से हूती विद्रोहियों के सैन्य ठिकानों पर निशाना लगाकर हमले किए गए हैं। उन्होंने इन हमलों को सीमित, जरूरी और आत्म रक्षा के लिए उठाया गया कदम कहा है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार यमन की राजधानी सना, लाल सागर पर बने हुदेदा बंदरगाह, घामार और उत्तर-पश्चिम में मौजूद हूती विद्रोहियों का गढ़ माने जाने वाले सना पर हमले किए गए हैं। हूती विद्रोहियों के एक अधिकारी ने अमेरिका और ब्रिटेन को चेतावनी दी है कि इस आक्रमता की उन्हें भारी कीमत चुकानी होगी। यमन के बड़े हिस्से पर हूतियों का कब्जा है। उनका कहना है कि बड़े इजरायल के खिलाफ जंग लड़ रहे फिलस्तीनी चरमपंथी समूह हमास का समर्थन करते हैं। वहीं सऊदी अरब ने इस मामले में संयम बरतने की सलाह दी है। अमेरिकन सेंट्रल कमांड ने जानकारी दी है कि सना के समयानुसार 11 जनवरी की रात करीब 2 बजकर 30 मिनट पर गठबंधन देशों की मदद से सेना ने हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले किए हैं। हमलों में उनके राडार सिस्टम, एयर डिफेंस सिस्टम, हथियारों के भंडारों को निशाना बनाया गया है। साथ ही उन जगहों को निशाना बनाया गया है, जहां से हवाई ड्रोन हमले, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल हमलें किए जाते हैं। उनका कहना है कि ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने बीते साल 17 अक्तूबर से लेकर अब तक लाल सागर में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री रास्तों पर 27 जहाजों पर हमले किए हैं। इनमें लाल सागर और अदन की खाड़ी में जहाजों पर गैर कानूनी एंटीशिप बैलेस्टिक मिसाइल ड्रोन हमले और क्रूज मिसाइल शामिल हैं। इन हमलों के कारण करीब 55 मुल्क प्रभावित हुए हैं। हम इसके लिए हूती और अस्थिरता फैलाने वाले उनके ईरानी समर्थकों को जवाबदेह मानते हैं। हूती विद्रोहियों के प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुलसलाम ने इन हमलों की निंदा की है और कहा है कि यमन के खिलाफ इस आक्रामक रवैये को सही नहीं ठहराया जा सकता। प्रवक्ता ने कहा लाल सागर में या अरब सागर में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री मार्गों को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा इजरायली जहाजों और कब्जे वाले फिलस्तीन की तरफ जाने वाले जहाजों को निशाना बनाना हम जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूके का ये सोचना गलत है कि उनके हमलों से डरकर यमन फिलस्तीनी और गाजा का समर्थन छोड़ देगा। सऊदी अरब की प्रतिक्रिया थी कि अमेरिका और गठबंधन के उसके दूसरे सहयोगी संयम बरतें और मामले को दबाने से बचें। सऊदी बेहद चिंतित है, लाल सागर इलाके की सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के महत्व को समझता है। हमारी अपील है कि इस मामले में संयम बरता जाए, मामलों को बढ़ाने से बचा जाए। -अनिल नरेन्द्र

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