Thursday, 11 January 2024

इस एकतरफा जीत के फायदे?

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विवादित चुनाव में लगातार चौथी बार जीत दर्ज की है। शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग और उनके सहयोगियों ने 300 संसदीय सीट पर उम्मीदवार उतारे थे और उनमें से 223 सीटों पर उन्हें जीत मिली है। इस जीत के साथ ही हसीना पांच साल के एक और कार्यंकाल के लिए प्रधानमंत्री बनेंगी। मुल्क की मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने चुनाव का बहिष्कार किया था। शेख हसीना की पार्टी और उनके सहयोगियों को उम्मीद है कि बाकी बची सीटों पर भी उन्हें ही जीत मिलेगी। बीएनपी ने बांग्लादेश में चुनाव को धोखा बताते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं तानाशाही है। बड़ी संख्या में बीएनपी नेताओं और उनके समर्थकों की गिरफ्तारी के बाद रविवार को उनके नतीजे आने शुरू हो गए थे। बांग्लादेश के अधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि करीब 40 प्रतिशत लोगों ने ही मतदान में हिस्सा लिया। आलोचकों का कहना है कि 40 फीसदी का आंकड़ा भी दुरुस्त नहीं है। निर्दलीय उम्मीदवार जो कि आवामी लीग के ही बताए जाते हैं उन्हें 61 सीटों पर जीत मिली है जबकि जातीय पार्टियों को 11 सीटों पर जीत मिली है। शेख हसीना का यह पांचवां कार्यंकाल होगा। हसीना पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बनी थीं और फिर 2009 में फिर से चुनी गईं थीं। 2009 के बाद से वह सत्ता में हैं। शेख हसीना सरकार पर आरोप है कि वह अपने विरोधियों को जेल में भर रही हैं। आवामी लीग इन आरोपों को खारिज करती रही है। बांग्लादेश में इस बात की आशंका जताईं जा रही है कि आवामी लीग की इस जीत से वहां एक पार्टी के शासन वाली व्यवस्था स्थापित हो सकती है। बहुत कम लोगों को उम्मीद है कि हसीना सरकार विरोधियों को लेकर सख्ती में किसी तरह की ढील देगी। अगर विपक्षी पार्टी और सिविल सोसायटी ग्रुप सरकार की वैधता पर सवाल उठाती हैं तो सरकार सख्ती से पेश आएगी। मुख्य विपक्षी दल बीएनसी ने स्वतंत्र केयर टेकर सरकार के मातहत चुनाव कराने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने बीएनपी की इस मांग को नकार दिया गया था। इसके बाद बीएनपी ने चुनाव के बहिष्कार का पैसला किया था। बीएनपी के कार्यंकारी अध्यक्ष तारिक रहमान ने कहा हमारा शांतिपूर्ण और अहिसंक आंदोलन अनवरत जारी रहेगा। रहमान 2008 से ही लंदन में रह रहे हैं। तारिक रहमान शेख हसीना के चिर प्रतिद्वंद्वी और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे हैं। रहमान ने बीएनपी कार्यंकर्ताओं पर चुनाव में आगजनी और हमले के आरोपों को खारिज किया है। खालिदा जिया भ्रष्टाचार के आरोपों में हाउस अरेस्ट हैं, बांग्लादेश में अगर इस बात की आशंका जताईं जा रही है कि आवामी लीग की जीत के पीछे वहां एक पार्टी का शासन स्थापित हो सकता है तो यह बेवजह नहीं है। मतदान के बाद शेख हसीना ने कहा मुझे बांग्लादेश के प्रति विश्वसनीयता साबित करनी है लेकिन किसी आतंकवादी पार्टी या संगठन के प्रति नहीं, देश की जनता के प्रति मेरी जवाबदेही है। लोग चुनाव को स्वीकार करते हैं या नहीं यह महत्वपूर्ण है। हसीना ने कहा कि सभी बाधाओं को पार कर मैंने माहौल अनुवूल बनाया है। विपक्ष की गैर मौजूदगी के कारण एक पार्टी के शासन वाली सरकार को संदेह की नजर से भले ही देखा जाए मगर मौजूदा परिस्थितियों में यह भारत के लिए किसी भी नजर से बुरा नहीं है। —— अनिल नरेन्द्र

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