Saturday 13 January 2024

10 दिन पहले मंत्री बने नेता को मिली हार

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में इन दिनों बदन को चीरकर रख देने वाली शीत लहर चल रही है और जरा सी चूक किसी के भी होश फाख्ता कर सकती है। इन सर्द हवाओं ने अभी-अभी उस पार्टी को अपनी चपेट में ले लिया है जो पूरे देश में अपने विरोधियों को कंपाए है। राजस्थान में सत्तारूढ़ हुई भाजपा के लिए यह बहुत बुरी खबर है कि उसका वह उम्मीदवार चुनाव हार गया जिसे बीच चुनाव पार्टी नेता ने मंत्री पद की शपथ दिला दी थी। इस उम्मीदवार का नाम है सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी। इलाके के एक बुजुर्ग मतदाता कहते हैं, पार्टी ने जिसे डबल इंजन वाली सियासी सरकार रूपी रेलगाड़ी के लिए टीटी बनाकर भेजा था, जनता ने उसे ट्रेन से पहले ही उतार दिया। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार रुपिन्दर सिंह को 94,950 वोट मिले हैं और भाजपा के सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी को 83,667 वोट जबकि आम आदमी पार्टी प्रत्याशी पृथ्वीपाल सिंह संधु को 11,940 वोट हासिल हुए। पृथ्वीपाल सिंह संधु पिछली बार यानी 2018 में निर्दलीय लड़े थे तो वे दूसरे नंबर पर रहे थे। भाजपा उम्मीदवार के रूप में तब सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी तीसरे नम्बर पर रहे थे। भाजपा के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। दरअसल, हालिया चुनाव के महज कई हफ्तों बाद ही कांग्रेस ने उपचुनाव में अपनी जीत दर्ज करा ली। भाजपा के पराजित उम्मीदवार प्रदेश सरकार में मंत्री थे, जिन्होंने महज एक हफ्ते पहले ही 30 दिसम्बर को भजनलाल सरकार में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री पद की शपथ ली थी। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया था कि चुनाव का उम्मीदवार होते हुए भाजपा नेता ने मंत्रीपद पर काम शुरू कर दिया था। उपचुनाव के नतीजों पर कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस उम्मीदवार को जीत की बधाई देते हुए भाजपा पर तंज कसा। गहलोत ने सोशल मीडिया पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा श्रीकरणपुर की जनता ने भाजपा के अभियान को हराया है। उनका कहना है कि चुनाव के बीच एक उम्मीदवार को मंत्री बनाकर चुनाव आचार संहिता और नैतिकता की धज्जियां उड़ाने वाली भाजपा को जनता ने सबक सिखाया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यह जीत संदेश दे रही है कि आम चुनाव में कांग्रेस मजबूती से वापसी करेगी। उन्होंने कहा कि युवाओं और महिलाओं ने कांग्रेस को वोट देकर जता दिया कि उनकी उम्मीद हमसे है और हम उनके सरोकार से जुड़े मुद्दे उठाते रहेंगे। इस जीत के साथ कांग्रेस की सीटों की संख्या 70 पर पहुंच गई। हालिया चुनाव में कांग्रेस को राज्य की 200 सीटों में 69 सीटें मिली थीं। राजस्थान 200 सीटों में से 199 सीटों पर चुनाव हुए थे। श्रीकरणपुर के कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुनेर के असामायिक निधन के चलते इस सीट का चुनाव रद्द हो गया था। बाद में कांग्रेस ने इस सीट पर गुरमीत के बेटे रुपिन्दर को टिकट दिया। कहा जा रहा है कि कांग्रेस की इस जीत में कुनेर परिवार के साथ सहानुभूति भी अहम रही। वहीं कुनेर ने अपनी जीत को अपने पिता के चार दशक के राजनीतिक जीवन में किए गए कार्यों की जीत बताते हुए कहा कि यह चुनाव मेरा नहीं बल्कि मेरे पिता का है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा पर्ची सरकार एक महीने में ही जनता का विश्वास खो चुकी है। फैसला जनता की भावना से हुआ करते हैं, दिल्ली की पर्ची से नहीं। याद रहे कि राजस्थान के मुख्यमंत्री का चुनाव दिल्ली से भेजी गई एक पर्ची से हुआ था। -अनिल नरेन्द्र

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