Friday, 6 September 2013

केदारनाथ मंदिर में 11 को 7 बजे पूजा फिर शुरू होगी

जय बाबा केदारनाथ की। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने बताया कि केदारनाथ में 11 सितम्बर की सुबह 7 बजे से 11 बजे तक मंदिर में पूजा होगी। यह पूजा दीपावली को केदारधाम के पट बंद होने तक चलती रहेगी। केदारनाथ यात्रा पर 30 सितम्बर को होने वाली बैठक में विचार किया जाएगा। सचिवालय में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में तय किया गया कि मंदिर समिति 24 लोगों की सूची देगी। ये मंदिर समिति की ओर से चिन्हित पदाधिकारियों और पुजारी केदारनाथ में पूजा का काम देखेंगे। हर 10 दिन में इनके स्थान पर दूसरे लोगों को प्रतिस्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि खराब मौसम से निपटने के लिए भी तैयारियां पूर्व से ही कर ली जाएं। बताया गया कि केदरनाथ में बिजली, पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी गई है। केदारनाथ को जोड़ने वाले पुल को बना दिया गया है। रहने और खाने की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है। बीएसएनएल के नेटवर्प को जल्द ही बहाल किया जा रहा है। हालांकि वहां सैटेलाइट फोन टीम भी तैनात की जाएगी। मंदिर के आसपास सफाई का काम पूरा किया जा चुका है। वहां दिखे शवों का विधि-विधान से अंतिम संस्कार कर दिया गया है। सितम्बर में केवल पूजा से जुड़े चिन्हित लोगों को सरकारी हेलीकाप्टर से जाने की अनुमति होगी। खराब मौसम को देखते हुए अन्य लोगों को वहां जाने की इजाजत न देने का फैसला किया गया है। हेलीकाप्टर की व्यावसायिक सेवाओं पर रोक रहेगी। अनाधिकृत व्यक्तियों को रोकने के लिए सोन, प्रयाग, गौरीपुंड और अन्य स्थानों पर पुलिस चैकपोस्ट बनाए गए हैं। अब केदारनाथ जाने के लिए पास लेना जरूरी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दैवीय आपदा से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने और अवसंरचना के पुनर्निर्माण के लिए युद्ध स्तर पर काम हो रहा है। केदारनाथ में पूजा देशवासियों की धार्मिक भावना से जुड़ी है। अभी पूजा शुरू की जा रही है। मौसम अनुकूल होने पर व सम्पर्प मार्गों और अन्य सुविधाओं को बहाल कर यात्रा को जल्द ही शुरू करवाने का प्रयास भी किया जा रहा है। इस दौरान केदारनाथ त्रासदी के बाद अदालतें भी सक्रिय हो गई हैं। उत्तराखंड में आई त्रासदी से चिंतित सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में कोई भी नई पनबिजली परियोजना पर रोक लगा दी है। अदालत ने ऐसी परियोजनाओं से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने धारी देवी मंदिर को स्थानांतरित नहीं किए जाने संबंधी याचिका को खारिज करते हुए मंदिर को स्थानांतरित करने का हालांकि समर्थन किया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्थानीय लोगों की भावनाओं को नजरअंदाज किया गया है। अपने 72 पेज के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार व आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को तीन महीने भीतर एक रिपोर्ट दाखिल करके यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि क्या उसके पास राज्य के लिए कोई आपदा प्रबंधन योजना है और मौजूदा अप्रत्याशित त्रासदी से निपटने में यह योजना क्या सक्षम है? जय बाबा केदारनाथ की। वैसे सरकार की केदारधाम में पूजा की तेजी को आपदा के बाद छवि पर लगे दाग को साफ करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि पूजा के जरिए पूरे देश में यह संदेश भी चला जाए कि देवभूमि में सब कुछ सामान्य हो रहा है। इसके लिए 10 जनपथ से भी रोजाना बातचीत की जा रही है। 11 सितम्बर को पूजा में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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