Thursday 26 September 2013

पाकिस्तान में मजहबी हिंसा में अब तक 800 से अधिक मौतें

पाकिस्तान में गैर मुसलमान अल्पसंख्यकों पर अकसर हमले होते ही रहते हैं। इसके पीछे गैर मुसलमानों को देश से भगाना उद्देश या मार देना है। रविवार को पाकिस्तान के पेशावर शहर के एक ऐतिहासिक चर्च पर आत्मघाती हमलावरों ने ताबड़तोड़ हमला कर दिया। पेशावर के सेंट्स चर्च में तालिबान के दो फिदायीन आतंकियों के हमले के समय चर्च में 600-700 लोग थे। इस घटना के बाद ईसाइयों ने पाकिस्तान में जगह-जगह पदर्शन शुरू कर दिए। इस हमले में महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 82 लोग मारे गए और 140 से अधिक घायल हो गए हमले के शिकार हुए। लोग रविवार को नियमित पार्थना के बाद गिरजाघर से बाहर निकल रहे थे। इस पाकिस्तान के इतिहास में ईसाई समुदाय पर अब तक का सबसे विध्वंसक हमला माना जा रहा है। पेशावर के कमिश्नर साहिबजादा मोहम्मद अनीस ने बताया कि शहर के हिसांग्रस्त कोहाटी गेट जिले में स्थित पाचीन सेंट्स चर्च पर उस समय दोहरा हमला हुआ जब श्रद्धालु रविवार की पार्थना के बाद बाहर निकल रहे थे। विस्फोट की तीव्रता के कारण आसपास की इमारतें भी क्षतिग्रत हो गईं। अल्पसंख्यकों पर पाकिस्तान में हमले लगातार बढ़ रहे हैं। पेशावर में 11 सितम्बर को खालसा-1 के पूर्व नाजिम जान गुल के आवास के बाहर अज्ञात लोगों ने बम फेंका। मकसद था डर पैदा करना ताकि अल्पसंख्यक इलाका छोड़ कर चले जाएं। 1 जुलाई को पेशावर के बड़वहर इलाके में पंटियर कोर के दल पर कार से किए गए विस्फोट में 18 नागरिक मारे गए, 146 अन्य जख्मी हुए। 21 जून को हुसैनी मदरसे में हुए धमाकों में 15 लोग मारे गए, कई घायल हुए। इससे पहले 22 मई को एक मस्जिद और मदरसे पर किए आत्मघाती हमले में 15 लोग मारे गए। हमले के वक्त लोग नमाज अदा कर रहे थे। 16 अपैल को राजनीतिक दल एएनपी की पेशावर रैली में धमाके में 16 लोगों की जान गई। लहूलुहान पेशावर की यह है कहानी। पाकिस्तान में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के अशांत पांत खैबर पख्तूनिस्तान में तालिबान ने बम विस्फोट कर पाक सेना के एक मेजर जनरल और एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी सहित तीन सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। सड़कों के किनारे लगे आरईडी में रिमोट से किए गए विस्फोट में पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा का दौरा कर वापस आ रहे स्वात डिवीजन के कमांडर जनरल ऑफिसर मेजर जनरल सन्नाउल्ला और लेफ्टिनेंट कर्नल की मौत हो गई। इस दौरान अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा, अलकायदा और तालिबान की मदद के आरोप में उत्तर पश्चिम पाकिस्तान के पेशावर स्थित एक मदरसे को आतंकी संगठन करार दिया है। गंज मदरसा ऐसा पहला मदरसा है जिस पर अमेरिका ने पतिबंध लगाया है। इसका आधिकारिक नाम जामिया-तालीम-उल-कुरान-वल-हदीस मदरसा है। अब कोई अमेरिकी नागरिक इस मदरसे के साथ व्यावसायिक या अन्य किसी पकार का संबंध नहीं रख सकता। पाकिस्तान में पिछले साल जनवरी से मजहबी समुदायों को लक्ष्य बनाकर की गई हिंसा के 203 मामलों में कम से कम 717 लोगों की मौत हो गई और 1108 लोग घायल हो गए। यह बात अमेरिकी कांग्रेस द्वारा गठित एक स्वतंत्र आयोग की रिपोर्ट `पाकिस्तान मजहबी हिंसा परियोजना' पाकिस्तान रिलीजियस बायोलैंस पोजेक्ट में कही गई है। आयोग पिछले 18 माह में पाक में मजहबी समुदायों के खिलाफ हो रहे कfिथत हमलों पर नजर रखे हुए था। मरने वालों में बड़ी संख्या शिया समुदाय की है।

-अनिल नरेन्द्र

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