Friday 6 September 2013

डीजी वंजारा का लेटर बम्ब ः आरोप-दर्द या धमकी?

गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के भावी प्रधानमंत्री  पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी घर और बाहर दोनों जगह घिर गए हैं। फर्जी मुठभेड़ों के मामले में 6 साल से जेल में बंद गुजरात के आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा ने मंगलवार को पुलिस सेवा से इस्तीफा देते हुए मोदी सरकार पर गम्भीर आरोप लगाए। वहीं दिल्ली में कांग्रेस नेता अजय माकन ने तुलसी प्रजापति फर्जी मुठभेड़ में हुए एक स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देते हुए मोदी का इस्तीफा मांगा है। पहले बात वंजारा के लेटर बम्ब की करते हैं। डीजी वंजारा ने 10 पेज की एक चिट्ठी राज्य के अपर मुख्य सचिव को लिखी है। उन्होंने कहा कि मैं मोदी को भगवान की तरह मानता था लेकिन उन्होंने मेरे साथ धोखा किया। वंजारा ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से लड़ने वाले पुलिस अधिकारियों का बचाव करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी वंजारा कभी मोदी के बेहद करीबी थे। उन्होंने अपने त्याग पत्र में कहा है कि कथित मुठभेड़ों में शामिल पुलिस अधिकारियों ने सरकार की राजकीय नीति का क्रियान्वयन किया। ऐसे में उनके बचाव के लिए न तो मोदी ने कुछ किया और न ही अमित शाह ने। उन्होंने कहा कि पूर्व गृहमंत्री अमित शाह ने उनसे और जेल में बंद अन्य 32 पुलिस अफसरों के साथ धोखा किया है। उन्होंने लिखा है कि वह मोदी को देवता की तरह पूजते थे। लेकिन वह अमित शाह की वजह से उनके बचाव करने के लिए खड़े नहीं हो सके। गौरतलब है कि अमित शाह वंजारा के साथ सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति मुठभेड़ कांड में अभियुक्त हैं। वंजारा ने पुलिस अफसरों पर कार्रवाई के लिए नरेन्द्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने लिखा है ः मैं साफ तौर पर बताना चाहता हूं कि 2002 से 2007 के बीच पुलिस अफसरों और क्राइम ब्रांच, एटीएस और बार्डर रेंज के लोगों ने गोधरा कांड के बाद पैदा हुए आतंकवाद के खिलाफ राज्य की सक्रिय नीति का ही पालन किया। अब तक मैं चुप रहा क्योंकि मेरा विश्वास मोदी पर था। मैं उन्हें भगवान मानता था। बड़े दुख के साथ कह रहा हूं कि मेरा यह भगवान जरूरत के वक्त मेरे साथ खड़ा नहीं था। अमित शाह उनकी आंख और कान बने हुए हैं। शाह 12 साल से गुमराह करते हुए बकरियों को कुत्ता और कुत्तों को बकरी बना रहे हैं। वंजारा के दुख को हम समझ सकते हैं। पिछले 6 सालों से वह और 32 पुलिस अफसर जेल में सड़ रहे हैं। नरेन्द्र मोदी व अमित शाह को उनकी ओर ध्यान न देना निहायत दुर्भाग्यपूर्ण है। वह नेता ही क्या जो अपने वफादारों की सुरक्षा, उनके दुख-सुख को नजरअंदाज करे। आखिर मोदी व अमित शाह को वंजारा व अन्य पुलिस अधिकारियों का केस लड़ने के लिए अच्छे वकीलों का प्रबंध तो करना ही चाहिए था। वंजारा ने सही कहा कि मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी देश का कर्ज चुकाने की बात करते हैं। अच्छी बात है। यह प्रत्येक भारतीय नागरिक का फर्ज है। लेकिन वे दिल्ली कूच की जल्दी में जेल में बंद अफसरों के प्रति फर्ज को न भूलें जिनकी वजह से उनके नाम के आगे बहादुर जुड़ा है। हमें भूलकर वे सिर्प शाह की चिन्ता में लगे हैं। वंजारा ने चिट्ठी की एक कॉपी सीबीआई निदेशक को भी भेजी है। सीबीआई चिट्ठी के तथ्यों को बतौर सबूत कोर्ट में पेश कर सकती है। साथ ही अमित शाह की जमानत रद्द करने की अपील भी कर सकती है। सीबीआई को अंदेशा है कि अगर वंजारा ने इशरत सहित अन्य केसों में सही जानकारियां दीं तो चल रहे सभी केस मजबूत हो जाएंगे। वंजारा के मुंह खोलते ही नेता समेत कई और पुलिस अधिकारी लपेटे में आ सकते हैं। इशरत केस में जांच कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक उनके पास जो जानकारी आई है उसके मुताबिक वंजारा जेल की सलाखों से परेशान हैं और सरकार उनके बचाव में कुछ नहीं कर पा रही है। वंजारा को अब अहसास होने लगा है कि सरकार हमें बचाने में कोई दिलचस्पी नहीं रखती। ये सीबीआई से खुद की खाल बचाने के लिए मुझे और मेरे पुलिस अफसरों को जेल में बंद रखना चाहती है। वंजारा ने तभी तो लिखा है कि दुनिया जान गई है कि गुजरात में कई एनकाउंटर केस को जिन्दा रख पिछले 12 साल में राज्य सरकार ने खूब राजनीतिक मुनाफा कमाया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि ये सभी मुठभेड़ें पूर्व गृहमंत्री के इशारे पर की गई थीं। सीबीआई भी अपनी जांच में इस बात को कह चुकी है कि इशरत जहां  केस में अमित शाह की भूमिका संदिग्ध है। कांग्रेस ने डीजी वंजारा के पत्र पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पूरे मामले से उनके रुख की पुष्टि हुई है। दोहरे दबाव में मोदी को सीडी प्रकरण से बढ़ते दबाव से भी निपटना पड़ रहा है। तुलसी प्रजापति एनकाउंटर मामले में नई सीडी सामने आई है। इसमें दिखाया गया है कि भाजपा नेताओं ने अमित शाह को बचाने के लिए तुलसी राम की मां से कोर्ट में वकालतनामे पर दस्तखत कराए। इस सीडी के सामने आने के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को नरेन्द्र मोदी से इस्तीफे की मांग कर डाली। हालांकि गुजरात सरकार ने वंजारा के आरोपों को खारिज कर दिया है पर मामला इतनी आसानी से टलने वाला नहीं। यह पत्र और सीडी ऐसे समय आया है जब नरेन्द्र मोदी को भाजपा की भावी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। देखें भाजपा और नरेन्द्र मोदी इससे कैसे निपटते हैं?

No comments:

Post a Comment