Thursday 12 September 2013

रामदेव उवाच ः भोंधू पप्पू नहीं कर सकता देश पर राज

  1. योग गुरु बाबा रामदेव ने एक बार फिर यूपीए सरकार पर बम फोड़ दिया है। शुक्रवार को राजधानी स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में प्रेस वार्ता में रामदेव ने बताया कि उन्होंने यूपीए सरकार के 21 बड़े पापों का पुलिंदा तैयार किया है। उन्होंने कहा कि भारत गरीब नहीं है बल्कि उसे यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गरीब बना दिया है। वर्तमान में देश में लोकतंत्र नहीं रह गया है। इसका नेतृत्व एक केंद्र से हो रहा है, वह है 10 जनपथ। रामदेव ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत लगातार गिर रही है। महंगाई और भ्रष्टाचार ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। ऐसे में वक्त आ गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में वर्तमान केंद्र सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकें। इसके लिए भाजपा के लोकप्रिय नेता नरेन्द्र मोदी जैसे साहसी व्यक्ति को ही मैदान में उतारा जाना चाहिए। गुरु रामदेव ने डॉ. मनमोहन सिंह को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यूपीए सरकार और पीएम ने देश को बेचने की तैयारी कर दी है। रामदेव ने कहा कि पांच करोड़ टन का कोयला घोटाला करने वाले पीएम के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि देश में कानून सबके लिए बराबर है। प्रधानमंत्री घोटाला करता है, उसके बाद फाइल भी गायब कर देता है। उसे ईमानदार कौन कह सकता है? रामदेव ने कहा कि देश के विकास के लिए व्यवस्था को बदलना होगा। इसके लिए वह 13 सितम्बर से व्यवस्था परिवर्तन आंदोलन करेंगे। केंद्र सरकार डीजल, पेट्रोल व गैस आदि जरूरी ईंधनों पर 50 प्रतिशत से अधिक टैक्स लगाकर वसूल रही है। देशवासियों से जबरन टैक्स लगाकर उन्हें गरीब बनाने की साजिश रची जा रही है। योग गुरु ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि `भोंदू पप्पू' को देश पर राज करने का अधिकार नहीं है। मोदी को महानायक का दर्जा देते हुए रामदेव ने कहा कि देश को बचाना है तो सत्ता के अधिष्ठान पर कायरों व पापियों का नहीं महानायकों का शासन होना चाहिए। बाबा ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले उनकी एक बड़ी रैली रामलीला मैदान में होने जा रही है। इसमें चार से पांच लाख लोगों के आने की सम्भावना है। बाबा उस दिन खासे ताव में थे। उन्होंने लगे हाथ देश के संतों को भी नसीहत दे डाली। कहा कि संतों के भेष में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ गई है, जो संताई के अलावा सब कुछ करते हैं। रामदेव के इस बयान से दिल्ली से लेकर हरिद्वार तक तमाम संत समाज नाराज हो गया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या संतों और गुरुओं को नसीहत देने का ठेका कारोबारी संत रामदेव को मिल गया है? मंडलेश्वर पदवी वाले स्वामी प्रमोदानन्द ने कहा कि रामदेव संतों की इस तरह की नेतागिरी न करें। रामदेव ने संतों के लिए आचार संहिता की वकालत भी की है। इसमें नया क्या है? जो संत भेष में आता है उसके लिए आचरण की नियमांवली तो पहले से ही तय है। गुरु दीक्षा में ही शुद्ध आचरण की सीख दी जाती है। जिस तरह से रामदेव ने उछाली है उससे ऐसा लगता है कि जैसे कोई सरकार संतों के लिए आचार संहिता का फरमान जारी करे। यह स्वामी रामदेव जैसे संत आचार संहिता का सर्टिफिकेट चाहते हैं। स्वामी रामदेव लम्बी चुप्पी के बाद एक बार फिर धमाके से मैदान में उतरे हैं।
  2. -अनिल नरेन्द्र

No comments:

Post a Comment