Friday 27 September 2013

पहली बार बीजेपी में दिखी एकता व ताकत, मोदी का बढ़ता तूफान

भारतीय जनता पाटी की भोपाल रैली कई मायनों में महत्वपूर्ण रही। नरेन्द्र मोदी की पधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के बाद यह भोपाल में पहली रैली थी। जिस पकार से मध्य पदेश की राजधानी भोपाल में लाखों लोग एकत्र हुए वह यह स्पष्ट संकेत दे रहा है कि नरेन्द्र मोदी का तूफान तेजी से बढ़ रहा है। बेशक कांग्रेस मोदी को तूल न दे और कहे कि मोदी फेक्टर 2014 लोकसभा चुनाव में कोई खास डैंट नहीं डालेगा पर जिस तरह युवा वर्ग मोदी की रैलियों में जुट रहा है उससे तो लगता है कि वह मोदी के दीवाने हो रहे हैं। यह युवा वर्ग शायद बीजेपी से इतना न जुड़ा हो पर नरेन्द्र मोदी से जरूर जुड़ा पतीत होता है। भोपाल की सभा में एलके आडवाणी, शिवराज सिंह चौहान, राजनाथ सिंह व अन्य बीजेपी के नेता शायद पहली बार इस संख्या में एक मंच पर थे। इससे दो-तीन बातें उभर कर आती हैं। पहली बात तो यह है कि इससे पाटी में एकजुटता का संकेत मिलता है। सारे मतभेदों के बावजूद सबका इकट्ठा  होना पाटी के लिए जरूरी है। दूसरी बात कि जैसा आडवाणी चाहते थे कि राज्यों का चुनाव उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों व वहां की सरकार (मध्य पदेश, छत्तीसगढ़) की परफारमेंस पर लड़ा जाए ताकि नरेन्द्र मोदी की लोकपियता पर वह भी पूरा होता दिख रहा है। मोदी ने शिवराज सिंह चौहान की जमकर तारीफ की। यह बहस भी समाप्त हो गई कि बीजेपी में तो पधानमंत्री पद के लिए होड़ लगी हुई है और पाटी में एकता नहीं। अब न तो कोई दूसरी पंfिक्त का नेता रहा न पहली पंfिक्त का। मोदी सर्वसम्मति से बीजेपी के पधानमंत्री पद के उम्मीदवार बन गए हैं। सबसे बड़ा फर्क मोदी फेक्टर का यह है कि पहले इतनी अनुकूल परिस्थितियों के बावजूद जनता बीजेपी को कांग्रेस का स्वभाविक विकल्प नहीं मानती थी और कहती थी कि जिस पाटी में नेताओं में एका नहीं वह पाटी एक नहीं हो सकती, जिसके नेता पीएम बनने की होड़ में लगे हैं वह देश का क्या भला कर पाएगी। अब इस पकार की दलीलों व असमंजसता भी समाप्त हो गई है और अब जनता भी बीजेपी को कांग्रेस का विकल्प मानने लगी है। नरेन्द्र मोदी के पधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद बीजेपी का यह सबसे बड़ा पब्लिक शो रहा। करीब 5 लाख लोगों की भीड़ के सामने बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व एक मंच पर था। मंच पर मौजूद लालकृष्ण आडवाणी शुरू में तो थोड़े खिंचे-खिंचे नजर आए लेकिन बाद में उन्होंने न केवल अच्छे भाषण के लिए मोदी की ओर हाथ बढ़ाकर उन्हें बधाई दी बल्कि मजबूती के साथ खड़े होने का एहसास fिदलाते हुए मोदी का हाथ उठाकर एकता का स्पष्ट संकेत भी दिया। मोदी ने अपने भाषण में बूथ स्तर से ही कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया। महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए कहा कि वह कांग्रेस का खात्मा चाहते हैं, भाजपा कार्यकर्ता राष्ट्रपिता का सपना पूरा करें। fिशवराज सिंह सरकार की तारीफ करते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भाजपा के पक्ष में देश भर में हवा बह रही है। मध्य पदेश व छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का जीतना तय है इसके लिए कार्यकर्ताओं को पक्ष में बह रही इस हवा को मतपेटियों तक पहुंचाना होगा। यूपीए को आड़े हाथों लेते हुए अपने राजनीतिक पतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए मोदी ने बुधवार की इस रैली को जिसे कार्यकर्ता महापुंभ भी कहा जा रहा है में कहा कि कांग्रेस के बदले सीबीआई आगामी चुनाव लड़ेगी। मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस पाटी मध्य पदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और दिल्ली में लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार खड़े नहीं करेगी। (कांग्रेस) खुद अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि उसकी जगह सीबीआई को मैदान में उतारेगी। लालकृष्ण आडवाणी ने गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए मोदी, शिवराज और रमन सिंह सरकार की पशंसा की। उन्होंने कहा कि गुजरात, मध्यपदेश और छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकारों ने शानदार काम किया है। मध्य पदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर दम है तो वह सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के यहां भी छापा पड़वाएं, जिनको सत्ता के गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया। शिवराज ने कहा कि जल्द ही कांग्रेस के पाप की लंका जल कर राख हो जाएगी।  

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