Sunday, 13 August 2017

हजारों करोड़ सम्पत्ति का मालिक विजयपत पाई-पाई को मौहताज

कभी ब्रिटेन से अकेले विमान उड़ाकर भारत आने वाले देश के बड़े अमीरों में शुमार 12 हजार करोड़ रुपए के रेमंड ग्रुप के मालिक विजयपत सिंघानिया का आज सड़क पर आ जाने का दुखद समाचार पढ़ा। 78 वर्षीय विजयपत सिंघानिया आज पाई-पाई को मौहताज हैं ऐसा उनका कहना है और उनकी इस दयनीय स्थिति का बकौल उनके कोई बाहरी नहीं बल्कि उनका बेटा गौतम सिंघानिया है। मुकेश अंबानी के एंटीलिया से भी ऊंचे घर में रहने वाले विजयपत को मुंबई की एक सोसायटी के किराये के मकान में रहना पड़ रहा है। मालाबार हिल्स में अपने 36 मंजिले जेके हाउस में डुपलेक्स घर के लिए विजयपत ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बॉम्बे हाई कोर्ट में विजयपत के वकील दिनयार मेंडन ने बताया कि सिंघानिया ने कंपनी में अपने सारे शेयर बेटे को दे दिए थे जिनकी कीमत करीब 1000 करोड़ रुपए थी। अब गौतम ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है। यहां तक कि उनकी गाड़ी और ड्राइवर भी छीन लिए हैं। सबसे रईस लोगों में शामिल विजयपत का एविएशन और फिल्म उद्योग में भी रसूख था। दुनियाभर में शूटिंग और शर्टिंग के लिए मशहूर रेमंड की नींव 1925 में रखी गई थी। पहला रिटेल शोरूम 1958 में मुंबई में खुला। कंपनी, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग और एविएशन बिजनेस में शामिल रही। विजयपत ने कंपनी की कमान 1980 में संभाली और इस आधुनिक उद्योग समूह को पहचान दी। 1986 में प्रीमियम ब्रांड पार्क एवेन्यू लांच किया। फैशनेबल ड्रेस और नई स्टाइल चाहने वाले पुरुषों के लिए सम्पूर्ण रेंज उपलब्ध कराई। भारतीय एयरफोर्स ने कमांडर की मानद उपाधि से नवाजा। 1994 में 24 दिन में 34 हजार किलोमीटर की उड़ान भरी। 1998 में ब्रिटेन से भारत तक अकेले माइक्रोलाइट विमान उड़ाकर लाए। पद्मभूषण से अलंकृत एक दिसम्बर 2005 से दिसम्बर 2006 तक मुंबई के शेरिफ रहे। ऐसे आदमी के साथ ऐसा बर्ताव हो चिन्ता और अफसोस दोनों का विषय है। अगर विजयपत सिंघानिया की शिकायत सही है तो यह हर मां-बाप के लिए नसीहत है। अपने हाथ-पांव कभी नहीं कटवाने चाहिए। आजकल की औलाद का कुछ पता नहीं। हालांकि बुजुर्गों को सरकार ने प्रॉपर्टी सुरक्षा की छतरी दे दी है। अगर वरिष्ठ नागरिक का बेटा-बेटी या कानूनी वारिस प्रॉपर्टी अपने नाम सहमति से या डरा-धमका कर कराने के बाद उसका भरण-पोषण या देखरेख ठीक से नहीं करता है तो प्रॉपर्टी खाली करवाई जा सकती है। इससे वरिष्ठ नागरिक अब प्रॉपर्टी मामले में बच्चों से परेशान हैं तो सीधे अदालत जा सकते हैं। सिंघानिया परिवार देश के जाने-माने उद्योगपति परिवारों में से है। मैं भी व्यक्तिगत रूप से कुछ सिंघानियों को जानता हूं पर वह तो ऐसे नहीं हैं। वैसे भी वह मारवाड़ी स्टाइल से भगवान से डरने वाले लोग हैं। पता नहीं कि गौतम ऐसा क्यों कर रहा है?

-अनिल नरेन्द्र

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