Friday 4 August 2017

आपरेशन ऑल आउट रंग लाने लगा है

कश्मीर घाटी में आतंकियों के सफाये के लिए सेना द्वारा दो माह पूर्व शुरू किए गए आपरेशन ऑल आउट ने करीब आधी कामयाबी हासिल कर ली है। दरअसल सेना ने दुर्दांत 258 देसी व विदेशी आतंकियों की सूची बनाकर उनके सफाये का प्लान तैयार किया था। तय रणनीति के तहत इस बीच टेरर फंडिंग पर शिकंजा सेना के आपरेशन में मददगार बना। अब जहां हुर्रियत नेता आतंकी की मौत के बाद लोगों को भड़काने से बाज आ रहे हैं वहीं पत्थरबाजों की संख्या में कमी आई है। सुरक्षा बलों को 12 बार से ज्यादा चकमा दे चुका लश्कर--तैयबा का शीर्ष कमांडर अबु दुजाना मंगलवार को मुठभेड़ में मारा गया। 15 लाख रुपए का इनामी मोस्टवांटेड पाकिस्तानी आतंकी दुजाना अपने साथी के साथ पुलवामा जिले के हकरीपोरा गांव में एक मकान में छिपा था। यह मकान उसके ससुर का बताया जाता है। मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने इस घर को विस्फोट कर उड़ा दिया। सेना को खुफिया सूचना मिली थी कि ए डबल प्लस कैटेगरी का आतंकी दुजाना अपनी बीवी से मिलने आने वाला है। इस पर सोमवार रात सुरक्षा बलों ने गांव को घेर डाला और सर्च आपरेशन चलाया। मंगलवार सुबह सात बजे आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकी मारे गए। लश्कर कमांडर दुजाना को अय्याशी के कारण जान गंवानी पड़ी। उसे ढूंढने में उसके छोटे आई फोन ने सुरक्षा एजेंसियों की राह और आसान कर दी। तमाम लड़कियों से दुजाना की बातचीत के कोड्स को इंटरसेप्ट कर सेना और पुलिस को उस तक पहुंचने में सबसे ज्यादा मदद मिली। यह आई फोन पिछले दिनों सुरक्षा बलों के हाथ उस वक्त लगा जब उन्होंने दुजाना को दक्षिण कश्मीर में घेरा था। इस आई फोन में दुजाना के कई ऐसे नम्बर मिले जिन पर उसकी लगातार बातचीत होती थी। नम्बर खंगाले तो पता चला कि इनमें कई नम्बर लड़कियों के हैं। एक लड़की के नम्बर पर दुजाना की सबसे ज्यादा बातचीत होती थी। वहीं इस फोन से दुजाना के पाकिस्तान कनेक्शन का भी पता चला। दुजाना को पाक से किसी हैंडलर से निर्देश मिलने की बात सामने आई। वहीं दुजाना के फोन से एक ऑडियो भी मिला जिसमें पाक हैंडलरों द्वारा दुजाना को एक लड़की से दूर रहने की बात कही गई थी। फोन में एक नम्बर दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले की एक लड़की का है। माना जा रहा है कि लड़की से मिलने ही पुलवामा आया था और इसी दौरान इंटरसेप्ट कर सेना को उसकी लोकेशन का पता चला। घाटी में लश्कर के मुख्य कमांडर अबु कासिम के 2015 में मारे जाने के बाद दुजाना ने कमान संभाली। आतंक फैलाने के अलावा वह अय्याशी के लिए भी कुख्यात था। उसके मारे जाने पर एक सैन्य अधिकारी ने कहाöसुरक्षा बलों के लिए यह बड़ी कामयाबी तो है ही, लेकिन सबसे ज्यादा राहत इलाके की लड़कियों को मिली है, जिनका उसने जीना हराम कर दिया था। इस साल अब तक 100 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं। इनमें कई शीर्ष कमांडर भी शामिल हैं। अबु दुजाना पाकिस्तान से आने वाला पहला हाई-प्रोफाइल आतंकी कमांडर नहीं है जो मारा गया हो और न ही आखिरी है। पर अब बचे-खुचे आतंकियों के पास ज्यादा वक्त नहीं है। आतंकियों का सबसे बड़ा दुश्मन वक्त है। जो जितनी देर तक बचा रहता है, उतना आसान टारगेट बनता है। आकाओं के साथ उठने-बैठने के चलते अति आत्मविश्वास से भर जाते हैं। सुरक्षा बलों से बार-बार बचने के चलते खुद को शातिर समझने लगते हैं। लापरवाही से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए एक लोकेशन पर ज्यादा वक्त रुकते हैं। महिलाओं के पास आना-जाना बढ़ जाता है। इस बीच स्थानीय लोग मोटी रकम के लालच में सुरक्षा बलों को इनकी सूचनाएं देने लगते हैं। सटीक सूचना के बाद स्पेशल आपरेशन ग्रुप, राष्ट्रीय राइफल्स और सीआरपीएफ आतंकियों के लीडर का खात्मा करने के लिए टास्क में लग जाते हैं। बुरहान वानी के मरने के बाद दुजाना की मौत हमारे सुरक्षा बलों की बड़ी उपलब्धि है। एक तरफ आतंकियों का सफाया दूसरी तरफ स्थानीय नागरिक समाज का भरोसा जीतना इस दोहरी रणनीति से आतंकवाद पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है। इस शानदार उपलब्धि पर सुरक्षा बलों को बधाई। अय्याश दुजाना को सुरक्षा बलों ने आखिर मिला ही दिया 72 हूरों से।

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