Saturday, 26 August 2017

शाह के एक बयान से 75+ नेताओं को संजीवनी

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह हाल ही में भोपाल यात्रा पर गए थे। वहां पर अमित शाह ने एक ऐसा बयान दिया जिससे कई नेताओं के चेहरे पर मुस्कान आ गई। अमित शाह ने शनिवार को भोपाल में यह कहकर सबको चौंका दिया कि 75 साल की उम्र के नेताओं को चुनाव नहीं लड़ाने का पार्टी में कोई नियम नहीं है। न ही ऐसी कोई परंपरा है। भाजपा के इस लचीलेपन से पार्टी के 75+ के करीब दो दर्जन से ज्यादा नेताओं में एक बार फिर सक्रिय राजनीति में लौटने की उम्मीद जग गई है। यह नेता खासकर उन्हीं 15 राज्यों से हैं, जहां 2019 के आम चुनाव तक विधानसभा चुनाव होने हैं। दरअसल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75 साल पार नेताओं को अपनी कैबिनेट में नहीं रखा था। वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे कई नेता इसी वजह से मंत्रिमंडल से बाहर हो गए थे। इन्हें पार्टी के मार्गदर्शक मंडल तक सीमित कर दिया था। उसी दौरान यह भी पार्टी में स्पष्ट कर दिया गया था कि चुनाव लड़ने की अधिकतम आयु सीमा 75 साल है। भाजपा शासित राज्यों में भी यही फार्मूला अपनाया गया। गुजरात में मुख्यमंत्री रहीं आनंदीबेन पटेल को 75 की उम्र पार करते ही कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। उन्होंने यह आयु सीमा पूरी होने से महीने पहले ही पद छोड़ दिया था। फेसबुक पोस्ट में उम्र ही उन्होंने इस्तीफे की वजह बताई थी। दरअसल भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 360 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। इस कठिन चुनौतीपूर्ण लक्ष्य की रणनीति बनाते वक्त शीर्ष नेतृत्व समझ चुका है कि मनचाहे नतीजे पाने के लिए बुजुर्ग और अनुभवी नेताओं को तरजीह देनी ही पड़ेगी। इसलिए अमित शाह ने बेहद चतुराई से अघोषित सिद्धांत में यह लचीलेपन का संकेत दिया है। मौजूदा लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन 74 वर्ष की हो गई हैं। वह पिछले काफी समय से इंदौर से सांसद हैं, लेकिन शाह के इस बयान से साफ है कि उन्हें 2019 में भी लोकसभा का टिकट मिल सकता है। हिमाचल प्रदेश के चुनाव जल्द ही होने वाले हैं। पार्टी को वहां एक अनुभवी चेहरे की तलाश है। 82 वर्षीय शांता कुमार भी इस फैसले के बाद एक बार फिर मंत्री या मुख्यमंत्री की रेस में आ सकते हैं। कर्नाटक में भाजपा येदियुरप्पा के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। उनकी उम्र भी 75 पार हो रही है, लेकिन अब इस बयान के बाद उनका भी रास्ता साफ हो गया है। यूपी कोटे से केंद्र में मंत्री कलराज मिश्र भी 75 की उम्र पार कर चुके हैं। इसके अलावा भी प्रेम कुमार धूमल (73), गुलाब चन्द कटारिया (72), अमरा राम (74), भगत सिंह कोश्यारी (75), हुक्मदेव नारायण यादव (77), सीपी ठाकुर (85) जैसे कई नेताओं की किस्मत जाग सकती है। पर आडवाणी, जोशी, आनंदीबेन, नजमा हेपतुल्ला, यशवंत सिन्हा को 75 पार के लोगों को ब्रेन डेड घोषित किया गया था।

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