Thursday, 15 September 2022

पीिड़ता के लिए आवाज उठाना क्या अपराध है?

उठाना क्या अपराध है? पिछले 23 महीने से जेल में बंद केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने शुव्रवार को जमानत दे दी। सिद्दीकी कप्पन को 5 अक्टूबर 2020 को उत्तर प्रदेश पुलिस ने मथुरा से गिरफ्तार किया था। प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित व न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट्ट की पीठ ने कप्पन की याचिका पर यह आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने कप्पन के जेल में रहने की अवधि को रेखांकित करते हुए यह जानना चाहा कि कप्पन के खिलाफ ठोस सुबूत क्या हैं? अदालत ने पुलिस के दावे पर सवाल उठाया कि कप्पन और तीन अन्य के पास से ऐसे क्या दस्तावेज मिले जिससे पता चला कि दंगे भड़काने की साजिश थी। प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने कहा, हर व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आजादी है। वे यह दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि (हाथरस) पीिड़ता को न्याय दिलाने की जरूरत है और उन्होंने आवाज उठाईं क्या यह कानून की नजर में अपराध है? प्रधान न्यायाधीश ने यह टिप्पणी यूपी के अधिवक्ता महेश जेठमलानी के इस तर्व पर दी कि कप्पन एवं अन्य दंगे भड़काने के इरादे के साथ एक टूलकिट के साथ हाथरस जा रहे है। जेठमलानी से न्यायाधीश ने पूछा कि जब्त दस्तावेज का कौन सा हिस्सा उकसाने वाला था? इससे पहले पीठ ने उत्तर प्रदेश के गृह विभाग से कप्पन की याचिका पर 5 सितम्बर तक जवाब देने को कहा था। पीठ ने यह भी कहा कि वह अगले छह हफ्ते दिल्ली में रहेंगे और बारह हफ्ते थाने में हाजिरी आदि की शर्ते पूरा करने के बाद वह केरल लौट सवेंगे। पीठ ने आगे कहा कि 2011 में भी इंडिया गेट पर निर्भया के लिए विरोध प्रदर्शन हुए थे। कभी-कभी बदलाव लाने के लिए विरोध की जरूरत होती है। आप जानते हैं कि उसके बाद कानूनों में बदलाव आया था। ये विरोध-प्रदर्शन है। यूपी सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि कप्पन ने दंगा भड़काने के लिए ही हाथरस जाने का पैसला किया था। उनके टेरर पंडिंग करने वाले संगठन से गहरे संबंध हैं। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद लखनऊ जेल में बंद कप्पन को अभी जेल में रहना पड़ेगा। उस पर दर्ज (ईंडी) प्र्वतन निदेशालय का मामला अभी लंबित है। इस मामले में जमानत मिलने के बाद जेल प्रशासन उसे रिहा करेगी। जिला कारागार लखनऊ के जेलर राजेन्द्र सिंह का कहना है कि सुपीम कोर्ट से सिद्दीकी कप्पन को दी गईं जमानत का आदेश मिल गया है। इस संबंध में सोमवार को एडीजे तृतीय के यहां कप्पन को पेश कराया जाएगा। लंबित ईंडी के मामले में न्यायिक अभिरक्षा के लिए जेल में रखा जाएगा। कप्पन के सह आरोपी वैब चालक आलम को भी यूएपीए मामले में हाईंकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। लेकिन वह भी ईंडी मामले में अभी बंद हैं।

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