Sunday 25 September 2022

जब मस्जिद पहुंचे संघ प्रामुख

गुरुवार को दो खबरें देश में प्रामुखता से छाईं रहीं। पहली—कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन पॉपुलर प्रांट ऑफ इंडिया (पीएफआईं) से जुड़े ठिकानों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईंए) के छापे और उसके अधिकारियों—कार्यंकर्ताओं की गिरफ्तारियां और दूसरी—राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रामुख मोहन भागवत का एक मस्जिद में जाना जहां उन्हें इमामों के एक संगठन के अध्यक्ष ने राष्ट्रपिता कहा। हालांकि आरएसएस से जुड़े नेता महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहे जाने पर अकसर एतराज जताते हैं। अखबार में छपी खबरों के अनुसार मदरसे के बच्चों से बातचीत करते हुए इमाम उमेर अहमद इलियासी ने भागवत को राष्ट्रपिता कहा था जिस पर मोहन भागवत ने कहा था कि सब लोग राष्ट्र की संतानें हैं। दिल्ली के इंडिया गेट से लगे कस्तूरबा गांधी मार्ग की मस्जिद के इमाम और ऑल इंडिया मुस्लिम इमाम ऑग्रेनाइजेशन के सव्रेसर्वा उमेर अहमद इलियासी से संघ प्रामुख ने एकांत में तकरीबन 40 मिनट तक बात की। टीवी चैनल न्यूज-24 ने उमेर इलियासी से पूछा था कि वह मोहन भागवत के उस बयान पर क्या कहेंगे, जिसमें आरएसएस प्रामुख ने हिन्दू और मुसलमानों के डीएनए को एक बताया और कहा कि मुसलमानों के बिना हिन्दुस्तान पूरा नहीं होता; इसके जवाब में उमेर अहमद ने कहा—जो उन्होंने कहा है वो सही है। चूंकि वह राष्ट्रपिता हैं, जो उन्होंने कह दिया वो ठीक है। इलियासी ने बताया कि मोहन भागवत उनके निमंत्रण पर वहां गए थे। उन्होंने संघ प्रामुख को केवल राष्ट्रपिता ही नहीं, राष्ट्र त्रषि भी कहा। माना जा रहा है कि आरएसएस अपनी मुस्लिम विरोधी छवि को तोड़ने और मुसलमानों के एक तबके को अपने साथ जोड़ने की कोशिश के तहत सम्पर्व अभियान चला रहा है। आरएसएस प्रामुख का दिल्ली मस्जिद-मदरसे जाना ठीक उसी दिन हुआ जिस दिन दिल्ली के कईं अखबारों और वेबसाइट्स के माध्यम से मोहन भागवत और पांच मुस्लिम बुद्धिजीवियों की भेंट की खबर आम हुईं। यह मुलाकात एक महीने पहले 22 अगस्त को हुईं थी, लेकिन इसकी खबर अब जाकर सामने आईं है। भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाईं वुरैशी, दिल्ली के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व उपवुलपति, सेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी जमीरुद्दीन शाह, पूर्व सांसद और पत्रकार शाहिद सिद्दीकी और बिजनेसमैन सईंद शेरवानी की मुलाकात मोहन भागवत से दिल्ली स्थित आरएसएस के एक कार्यांलय में हुईं थी। लेफ्टिनेंट जनरल शाह ने बीबीसी से कहा-मुल्क में जिस तरह के हालात हैं, उनसे अगर कोईं प्राभावी तरीके से निपट सकता है तो वो या तो प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं या फिर संघ प्रामुख मोहन भागवत, इसलिए हमने संघ प्रामुख को बातचीत के लिए वुछ समय पहले चिट्ठी भेजी थी। चिट्ठी में उनसे समय मांगा था। इस मुलाकात के बारे में हम पुराने दोस्तों के बीच महीनों चर्चा हुईं जिसके बाद यह संवाद संभव हुआ।

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