Thursday, 22 September 2022
भाजपा को नए सिरे से खड़ा करना
लंबे समय से गठबंधन राजनीति के चलते पंजाब में कमजोर पड़ी भाजपा को अब मजबूत करने की कवायद शुरू हो गईं है। सीमावता राज्य होने से पंजाब वूटनीतिक, सामरिक और राजनीतिक तीनों दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। पूरे उत्तर भारत में पंजाब ही ऐसा राज्य है जो भाजपा की पहुंच से काफी दूर दिख रहा है, ऐसे में वह राज्य में अपनी जमीन तैयार करने और उसके बाद चुनाव अभियान की रणनीति पर काम करेगी। भाजपा नेतृत्व ने अपने इस अभियान की कमान गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के नए प्राभारी विजय रूपाणी को सौंपी है। मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में उत्तर भारत में पंजाब ही भाजपा की सबसे कमजोर कड़ी है। लंबे समय तक राज्य में अकाली दल के साथ गठबंधन में रहने के कारण भाजपा यहां पर पूरे राज्य में कभी ठीक तरह से काम नहीं कर पाईं है। लोकसभा चुनाव में जब भाजपा और अकाली दल का गठबंधन था तब राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रोस ने 13 में से आठ सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा-अकाली दल गठबंधन को चार सीटें मिली थीं। अकाली दल को 27.76 प्रातिशत वोट और भाजपा को 9.63 प्रातिशत वोट मिले थे। रूपाणी पंजाब के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि मोदी और अमित शाह की रणनीति समझते हैं। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने गुजरात में संगठन का काम करते हुए चार महत्वपूर्ण सूत्र दिए थे। इनमें पग में चक्कर यानि लगातार सव््िराय रहो, जीभ में शक्कर यानि अच्छी बात करो, सिर पर बर्प यानि ठंडे दिमाग से काम करो। अब पाटा इन्हीं सूत्रों को पंजाब में लागू करेगी।
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