Tuesday 20 September 2022

विपक्षी एकता का होगा इम्तिहान

मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की चल रही कवायद के बीच हरियाणा की धरती पर विपक्षी एकता का इम्तिहान होगा। कवायद से मिल रहे संकेत के मुताबिक यह गैर-कांग्रोसी विपक्ष का मोर्चा बनेगा। लेकिन गैर-कांग्रोसी दलों में भी अलग-अलग राय के बीच रैली की असली तस्वीर को लेकर कईं तरह की अटकलें हैं। इनेलो से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नीतीश वुमार, शरद पवार जैसे नेता चौधरी देवी लाल की जयंती पर इनेलो द्वारा आयोजित कार्यंव््राम को वेंद्र सरकार के खिलाफ बड़ी मोच्रेबंदी के रूप में तैयार करने की सलाह ओम प्राकाश चौटाला को दे चुके हैं। लेकिन इनेलो को हरियाणा में कांग्रोस और आम आदमी पाटा को लेकर अपनी हिचकिचाहट है। गौरतलब है कि इनेलो पाटा चौधरी देवी लाल की जयंती 25 सितम्बर को फतेहाबाद में मनाने जा रही है। इसे इनेलो सम्मान दिवस के रूप में मनाती है। इस जयंती पर इनेलो ने भाजपा विरोधी कईं पार्टियों को एक मंच पर लाने का प्रायास किया है। कार्यंव््राम में पवार और नीतीश का आना तय माना जा रहा है, लेकिन ममता ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। केसीआर के रुख पर भी सबकी नजर है। फिलहाल ममता को भी मंच पर लाने की पूरी कोशिश हो रही है, जिससे बड़ा संदेश जाए। आम आदमी पाटा को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। सूत्रों ने कहा—विपक्ष के वुछ दल इससे अलग-अलग वजहों से दूर हो सकते हैं। पिछले दिनों इनेलो सुप्रीमो ओम प्राकाश चौटाला ने गुरुग्राम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश वुमार के साथ मुलाकात की थी। हालांकि चौटाला परिवार में टूट के बाद हरियाणा में इनेलो अपना मजबूत जनाधार खो रही है और पाटा 90 विधानसभा सीटों में से केवल एक ही सीट पर सिमट कर रह गईं है। विपक्षी एकता की धुरी बनकर चौटाला अपना जनाधार वापस लेने की मुहिम के साथ लोकसभा चुनाव के लिहाज से बड़ी मोर्चाबंदी कर नीतीश, पवार जैसे नेताओं की कवायद पर भी साथ खड़े होना दिखना चाहते हैं। सम्मान रैली के लिए अब तक नीतीश वुमार, शरद पवार, नेशनल कांप्रोंस के फारुख अब्दुल्ला, आंध्र प्रादेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिह यादव, पंजाब के अकाली नेता सुखबीर बादल, शरद यादव व केसी त्यागी सहित अन्य नेताओं को न्यौता देने की बात की जा रही है। बीते कईं साल में यह पहला मौका होगा, जिसमें देशभर के गैर-भाजपा और गैर-कांग्रोसी नेता एक ही मंच पर होंगे। 87 साल के चौधरी ओम प्राकाश चौटाला अपनी मुहिम में कितना सफल होंगे, वक्त बताएगा, लेकिन यह मंच समग्रा विपक्षी एकता का संदेश देने के बजाय तीसरा मोर्चा जैसी कवायद साबित हो सकता है।

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