Thursday 11 July 2024

महाराष्ट्र में होगी एनडीए की परीक्षा

लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में एनडीए को 24 सीटों का नुकसान हुआ है जिससे भाजपा, सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी में बेचैनी होना स्वाभाविक ही है। गठबंधन को डर है कि अगर लोकसभा चुनाव का ट्रैंड जारी रहा तो साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है। इसी बीच खबर तो यह भी है कि शिंदे और अजीत पवार गुट के 15-20 विधायक घर वापसी की राह तलाश रहे हैं। एनसीपी के मंत्री छगन भुजबल, एकनाथ शिंदे के मंत्री अब्दुल सत्तार ने ऐसे संकेत दिए हैं। मोदी कैबिनेट में एनसीपी को जगह न मिलने से अजीत गुट में भी असंतोष है। महाराष्ट्र में इसी वर्ष अक्टूबर में विधानसभा चुनाव हैं। 2019 में भाजपा-शिवसेना गठबंधन था। तब 288 सीटों में से भाजपा 105 और शिवसेना 56 सीटों पर लड़ी थी। भाजपा ने शिवसेना तोड़कर सरकार भी बना ली। शिवसेना के 56 में से 42 विधायक शिंदे और 14 ठाकरे के साथ हैं। एनसीपी के 54 में से 40 अजीत और 14 शरद पवार के साथ हैं। राजग के अंदर महायुति में खटपट चुनाव नतीजों ने बढ़ाई है। भाजपा आलाकमान पर पार्टी और आरएसएस के भीतर से दबाव है कि अजीत पवार अब बोझ बन गए हैं। भाजपा को उनसे जल्द से जल्द पीछा छुड़ा लेना चाहिए। एनसीपी तोड़कर भाजपा के साथ आए थे अजीत पवार। लोकसभा में उन्हें मिली चार सीटों में से वे सिर्फ एक सीट जीत पाए। बारामती के अपने घर में उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार अपनी ननद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले से बुरी तरह हार गईं। उधर प्रफुल्ल पटेल ने अलग भाजपा की किरकिरी कर दी। राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और जनता का मूड़ भापकर कई विधायक पाला बदल सकते हैं और सीनियर पवार के खेमे में लौटने की उम्मीद जताई जा रही है। अजीत पवार गुट के कुछ नेताओं का मानना है कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है, लेकिन अजीत पवार की महत्वाकांक्षा को देखते हुए सब कुछ सहज नहीं लगता। चुनाव से पहले वह एकनाथ शिंदे सरकार में अपना असर और दमखम दिखाने का प्रयास करेंगे जिसमें विधानसभा चुनाव में अपनी बड़ी भागीदारी को लेकर दबाव बना सकें। राज्य में जिस तरह के समीकरण केन्द्र में हैं उसे देखते हुए उद्धव ठाकरे गुट को लेकर एक संतुलित रुख भी भाजपा नेतृत्व अपना सकता है, इससे जरूरत पड़ने पर बातचीत का रास्ता खुला है। कुल मिलाकर कई तरह के घटनाक्रम की संभावना महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर लगाई जा रही है। उधर शरद पवार भी पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं। महाराष्ट्र में लोकसभा की 10 सीट पर चुनाव लड़ा था और 8 पर जीत हासिल की थी। बारामती के एक गांव में कार्यकर्ताओं और जनता को संबोधित करते हुए सीनियर पवार ने कहा कि आप एकजुट रहें। पवार ने कहा कि अगले तीन या चार महीने में राज्य विधानसभा चुनाव होने हैं। मेरी कोशिश राज्य की कमान संभालने की होगी और इसे हासिल करने के लिए हमें विधानसभा चुनाव जीतना होगा। लोकसभा के नतीजों को देखें तो 288 विस क्षेत्रों में से 150 पर इंडिया गठबंधन का वोट ज्यादा रहा। इसलिए भाजपा के सामने महाराष्ट्र जीतने की बड़ी चुनौती है।

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