Saturday, 27 July 2024
मोदी की मजबूरी, कुर्सी बचाओ बजट
अबकी बार 400 पार का नारा फ्लाप होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इस साल का बजट आंध्र और बिहार का नारा चरितार्थ होते हुए दिखाई पड़ रहा है। एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश और बिहार पर विशेष रूप से मेहरबानी की और दोनों ही राज्यों को सरकार चलाने में सहयोग देने के लिए बम्बर गिफ्ट दिए गए हैं। एक तरीके से देखा जाए तो चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की बैसाखियों पर चल रही सरकार ने दोनों के लिए अपने बजट के खजाने खोल दिए हैं। मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में देखा जाए तो पीएम मोदी की मजबूरी यह है कि आंध्र और बिहार उनकी गठबंधन सरकार चलाने के लिए बेहद जरूरी है। इस मजबूरी की साफ झलक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में साफ दिखाई पड़ रही है। बजट के जरिए मोदी सरकार ने एक तरफ अपने अहम सहयोगियों टीडीपी और जेडीयू को साधे रखने का दांव चल दिया। इसके लिए दोनों राज्यों के लिए मोटे पैकेज का ऐलान किया गया है। वहीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बजट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। राहुल ने आरोप लगाया कि सरकार ने कुर्सी बचाओ बजट पेश किया है जिसमें भारतीय जनता पार्टी को खुश करने के लिए दूसरे राज्यों की कीमत पर खोखले वादे किए गए हैं। उन्होंने यह दावा भी किया कि यह बजट कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र और पिछले कुछ बजट की नकल है। सहयोगियों को बुरा करने के लिए अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे खोखले वादे किए गए। अपने मित्रों को खुश किया गया। एए को लाभ दिया गया। आप समझ ही गए होंगे कि एए का मतलब क्या है? मोदी जी के दो उद्योगपति मित्र। आम भारतीय को कोई राहत भी नहीं दी गई। उन्होंने आरोप लगाया, कांग्रेस का घोषणा पत्र और पिछले कुछ बजट का कापी पेस्ट किया गया है। वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केन्द्राrय बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए की गई घोषणाओं को सरकार बचाने का प्रयास करार दिया और आरोप लगाया कि सरकार ने किसानें और नौजवानों के साथ पूरे देश की अनदेखी की है। उन्होंने यह भी कहा कि देश का नौजवान आधी-अधूरी नहीं, बल्कि पक्की नौकरी चाहता है। यादव ने सवाल किया कि यूपी जो प्रधानमंत्री देता है, क्या वहां के किसानों के लिए भी कुछ ब़ड़े फैसले है? तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कहा कि बजट में पश्चिम बंगाल के लिए कुछ भी नहीं है और यह भारत के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए पेश किया गया बजट है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने यह दावा भी किया कि यह कुर्सी बचाऊ बजट है। यह बजट का उद्देश्यभर (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी की स्थिति को बचाना है। यह राजग के लिए बजट है, भारत के लिए नहीं। झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ मांझी ने कहा कि इस बजट में आदिवासियों के रोजगार के लिए, उनके पलायन रोकने के लिए और आदिवासी महिलाओं की तस्करी को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया गया। शिव सेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस बजट को प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना कहा जाना चाहिए। इस बजट में महाराष्ट्र के लिए कुछ भी नहीं है। कुल मिलाकर तमाम विपक्ष के खिलाफ खड़ा दिखाई दिया।
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