विपक्ष अग्नि वीर यानि अग्निपथ योजना का विरोध करता रहा है। कांग्रेस सांसद व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में भी इस ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा की और साफ कहा कि अगर वह सत्ता में आए तो इस योजना को बंद करेंगे। चुनाव खत्म हो चुके हैं और केंद्र में एक बार फिर मोदी सरकार सत्ता में आ गई है। प्राप्त संकेतों से तो यही लगता है कि केंद्र सरकार इस योजना को खत्म करने की नहीं सोच रही है। संभव है कि इसमें कुछ संशोधन किए जाएं। राहुल ने अपने भाषणों में साफ कहा है कि हिन्दुस्तान के जवानों को मजदूरों में बदला जा रहा है। राहुल ने कहा था कि ये मोदी सरकार की योजना है, सेना की योजना नहीं। सेना भी इस योजना को मौजूदा स्वरूप में नहीं चाहती है। मीडिया में छपी खबरों के अनुसार सेना ने सिफारिश की है कि अग्निवीर अगर वीर गति को प्राप्त हो जाता है तो उसके परिवार को आजीवन के लिए पेंशन जैसी मदद की जाए। सेना ने यह भी सिफारिश की है कि 50 प्रतिशत इससे अधिक अग्निवीरों को परमानेंट किया जाए। अभी अग्निपथ योजना के तहत अधिकतम 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही परमानेंट करने का प्रावधान है। सेना ने करीब चार महीने तक अपनी सभी यूनिटों से अग्निपथ स्कीम और अग्निवीरों को लेकर फीड बैक लिया और पूरा सर्वे कराया। सर्वे के आधार पर अपनी सिफारिशें डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स यानि डीएमए को भेजी हैं। डीएमए प्रमुख चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ है। सूत्रों के मुताबिक सिफारिशों में कहा गया है कि अगर अग्निवीर वीरगति को प्राप्त होता है तो उनके परिवार का सबसिसटेंस अलाउंस (जीवन निर्वाह भत्ता) दिया जाना चाहिए। एक अधिकारी के मुताबिक यह एक तरह से पेंशन है। यह भी कहा गया है कि रक्षा के लिए काम करते हुए अग्निवीर डिस्ब्लैड (विकलांग) होते हैं तो भी एक्स ग्रेशिया आर्थिक मदद दिया जाना चाहिए। सेना ने सिफारिश की है कि हर बैच में कम से कम 50 प्रतिशत अग्निवीरों को परमामेंट किया जाना चाहिए। इसके साथ ही टेक्निकल आर्म में अग्निवीरों की अधिकतम उम्र बढ़ाने की सिफारिश की है। सूत्रों के मुताबिक सेना की तरफ से अग्निवीर का कार्यकाल चार साल से आगे बढ़ाने जैसी कोई सिफारिश नहीं की गई है। जब नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंचे तो उन्होंने कीर्ति चक्र विजेता शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। शहीद कैप्टन की मां मंजू सिंह ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कहाö हम दुखी हैं कि हमारा बेटा हम सबको छोड़कर मझधार में चला गया है। परिवार को उनकी जरूरत थी, मैं यह दर्द पूरी जिंदगी लेकर जीना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि मुझे और दर्द हो ताकि मैं अपने बेटे को याद कर सकूं। शहीद अंशुमान की मां ने कहा राहुल गांधी से मुलाकात में अग्निवीर को लेकर बात हुई। दो तरह की फौज नहीं होनी चाहिए। सरकार से मैं उम्मीद करती हूं कि वह राहुल गांधी की बात सुनें और उस पर विचार करें। गौरतलब है कि अंशुमान सिंह की शादी 5 महीने पहले 10 फरवरी को हुई थी। कैप्टन 15 दिन पहले ही सियाचिन गए थे। कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत राष्ट्रपति भवन में कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था जिसे उनकी पत्नी स्मृति और मां मंजू ने ग्रहण किया।
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