Thursday 18 July 2024

संविधान हत्या दिवस पर आमने-सामने

केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में अधिसूचना जारी करने के बाद सियासी तकरार तेज होना स्वाभाविक ही थी। एक ओर भाजपा नेताओं ने इसके जरिए कांग्रेस पर निशाना साधा वहीं कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए केन्द्र के इस कदम को सुर्खियां बटोरने की कवायद करार दिया। विपक्ष के कुछ अन्य दलों ने भी इस पर सवाल उठाए। भाजपा ने गत शुक्रवार को कहा कि हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाना लोगों को कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता के खिलाफ लड़ने वालों के बलिदान और शहादत की याद दिलाएगा। भाजपा की यह प्रतिक्रिया केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने के सरकार के फैसले की घोषणा के बाद आई है। भाजपा प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 25 जून 1975 वह काला दिन था जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तानाशाही मानसिकता ने संविधान में निहित लोकतंत्र की हत्या करके देश पर आपातकाल थोप दिया था। उन्होंने कहा कि यह दिवस हमारे सभी महापुरुषों के त्याग और बलिदान का स्मरण कराएगा जो कांग्रेस की तानाशाही के शिकार हुए थे। वहीं कांग्रेस ने केन्द्र सरकार के इस फैसले को सुर्खियां बटोरने की कवायद करार देते हुए पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में वर्ष 2014-2024 के दौरान देश में अघोषित आपातकाल लगा हुआ है, पार्टी का दावा है कि 4 जून 2024 का दिन इतिहास में मोदी मुक्त दिवस के रूप में दर्ज होगा। पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री एक बार फिर हेडलाइन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने शनिवार को केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इसमें आश्चर्य की क्या बात है कि संविधान और लोकतंत्र की हत्या करने वाले लोकतंत्र की आत्मा पर प्रहार करने वाले लोग संविधान हत्या दिवस मनाएंगे। प्रियंका ने एक्स पर कहा कि भारत की महान जनता ने ऐतिहासिक लड़ाई लड़कर अपनी आजादी और अपने संविधान हासिल किया है। जिन्होंने संविधान बनाया, जिनकी संविधान में आस्था है, वे ही संविधान की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने (भाजपा) अपने फैसलों और कृत्यों से बार-बार संविधान और लोकतंत्र की आत्मा पर प्रहार किया, वे नकारात्मक राजनीति वाला संविधान हत्या दिवस मनाएंगे ही। इसमें आश्चर्य कैसा? पार्टी का कहना है कि 4 जून 2024 का दिन इतिहास में मोदी मुक्त दिवस के तौर पर याद किया जाएगा। उन्होंने व्यक्तिगत राजनीतिक और नैतिक हार सुनिश्चित किए जाने से पहले दस वर्षों तक अघोषित आपातकाल लगाया था। पार्टी ने याद कराया कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने अबकी बार 400 पार का नारा दिया था। उन्हीं के सांसदों, नेताओं ने कहा था कि हमें 400 सीटें इसलिए चाहिए कि हम संविधान बदलना चाहते हैं। वही लोग आज संविधान हत्या दिवस मनाने का ढिंढोरा पीट रहे हैं। अगर संविधान बचाना ही था तो संविधान हत्या दिवस की जगह इसे संविधान रक्षा दिवस या संविधान बचाओ दिवस का नाम देना शायद बेहतर होता। संविधान हत्या दिवस हमारी राय में ठीक नहीं है। -अनिल नरेन्द्र

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