Tuesday 2 July 2024
अयोध्या में पहली बारिश में भ्रष्टाचार के गड्ढे
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह बहुत जोर-शोर से किया गया था। इसे बनाने में करोड़ों रुपए का खर्च आया था। और हालत अयोध्या की यह है कि पहली बारिश में कई गड़बड़ियां और भ्रष्टाचार की पोल खुल गई। अभी मानसून आया भी नहीं अभी से अयोध्या का यह हाल हो गया है। अयोध्या के नया घाट से सहादतगंज तक बने 12.94 किलोमीटर लंबे राम पथ पर पहली बारिश के चलते 13 गड्ढे हो गए। राम पथ से ही जन्मभूमि पथ और धर्म पथ भी जुड़ा है। उसके अलावा रेलवे स्टेशन सहित कई जगहों पर जलभराव भी हो गया है। जानकारी के मुताबिक राम पथ के निर्माण पर 844 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। चौंकाने वाली बात यह है कि 22 जून 2024 की सामान्य बारिश के बाद ही राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येन्द्र दास ने मंदिर के गर्भगृह की छत से पानी टपकने की बात कही। हालांकि राम मंदिर निर्माण कार्य की देखरेख करने वाली ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोशल मीडिया पर राम मंदिर गर्भगृह में पानी के लीक वाले दावे को गलत ठहराया है। उन्होंने लिखा, गर्भगृह में जहां भगवान राम लला विराजमान हैं, वहां एक भी बूंद पानी छत से नहीं टपका है और न ही कहीं से पानी गर्भगृह में प्रवेश हुआ है। लेकिन बात अगर कई जगह नई बनी सड़क धंसने की हो तो अयोध्या जिले का स्थानीय प्रशासन भी मानता है कि सड़कों पर गड्ढे हो गए हैं जो नहीं होने चाहिए थे। प्रदेश की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए शहर के महापौर महंत गिरीशपंत त्रिपाठी ने माना कि इस सड़क में इंजीनियरिंग की कुछ समस्याएं थीं। इसलिए कुछ गड्ढे आए लेकिन मुझे लगता है कि वह भी नहीं आने चाहिए थे। निर्माण में कुछ तकनीकी कमियां रह गई होंगी जिसके कारण कुछ गड्ढे हो गए हैं। हो सकता है कि जल्दी बनाने के चक्कर में तकनीकी कमी रह गई हो उसके कारण शुरुआती बारिश में वो गड्ढे दिखाई पड़ रहे हैं। हम उन कमियों को दूर कर लेंगे। रामजन्म भूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र देव ने सोमवार को पुष्टि की कि शनिवार आधी रात हुई पहली बारिश में गर्भगृह में मंदिर की छत से तेजी से पानी टपक रहा था। उन्हेंने यहां तक कहा कि अगर दो दिन में व्यवस्था नहीं सुधरी तो दर्शन-पूजन बंद करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि सुबह जब पुजारी भगवान की पूजा करने वहां गए तो देख कि फर्श पर पानी भरा हुआ है। जिसे काफी मशक्कत के बाद मंदिर परिसर से निकाला गया। मंदिर में पानी निकलाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। सबसे ज्यादा संकट अयोध्या नगर में देखने को मिला। जहां जलवान पुरा से लेकर हनुमान गढ़ी, भक्तिपथ और टेढ़ी बाजार से लेकर अंदरूनी इलाकों में भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है, उद्घाटन से पहले हजारों करोड़ रुपए खर्च करके अयोध्या के विकास के दावे किए गए थे, लेकिन जलभराव और धंसती सड़कों ने सभी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि राममंदिर उद्घाटन के लिए जल्दबाजी में विकास कार्य पूरा कराने की वजह से सड़कों का निर्माण मंदिर के निर्माण मानकों के आधार पर नहीं हुआ है। शहर के एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना था कि फैजाबाद शहर अवध की राजधानी थी लेकिन दो घंटे की बारिश में अयोध्या का हाल बेहाल हो गया।
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