Thursday, 4 July 2024

बिहार में धड़ाधड़ गिरते पुल

बिहार में धड़ाधड़ पुल गिर रहे हैं। पुलों के ढहने का सिलसिला थम ही नहीं रहा है। बिहार में पहली बरसात में ही फिर एक पुल धड़ाम से गिर गया। ताजा मामला किशनगंज जिले में बूंद नदी पर बने पुल का सामने आया है। यह पुल 30 मीटर लंबा और 4 मीटर चौड़ा है। नदी पर बने पुल का एक पाया पानी के तेज दबाव के कारण रविवार को लगभग दो फीट तक धंस गया। यह पुल किशनगंज जिले के पिपरीथान को राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 327 ई होते हुए बंगाल से जोड़ता है। ग्रामीण कार्य विभाग प्रमंडल-2 के सहायक अभियंता आलोक भूषण ने जांच के बाद बताया कि पुल का निर्माण वित्तीय वर्ष 2009-2010 में करीब 35 लाख रुपए की लागत से कराया गया था। बिहार में 12 दिनों में यह छठा पुल धंसा है। बिहार में बीते 18 जून को सबसे पहले अररिया जिले में सिकटी प्रखंड में एक पुल गिरा था। यह पुल अररिया के ही दो ब्लॉक सिकटी और कुर्साकांटा को जोड़ने के लिए बना था। बारिश के दबाव से बूंद नदी का जलस्तर बढ़ गया था और पुल इसका दबाव झेल नहीं पाया और उद्घाटन से पहले ही गिर गया। यह पुल अगर बन जाए तो लाखों की आबादी को फायदा होगा। बिहार में इसी साल मार्च में सुपौल में कोसी नदी के ऊपर बन रहे पुल का एक हिस्सा गिरा तथा इसमें एक मजदूर की मौत और 10 अन्य घायल हो गए थे। इसके बाद 22 जून को सिवान में गंडक नहर पर बनी पुलिया ध्वस्त हो गई। महाराजगंज और दरौंदा को जोड़ने वाली ये पुलिया 34 साल पुरानी थी। यह 20 फुट लंबी थी। गंडक नहर में पानी आया तो भरभराकर गिर गई। अच्छा यही था कि पुलिया से उस वक्त कोई गुजर नहीं रहा था। 22 जून की ही रात को पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन प्रखंड के अमवा में निर्माणाधीन पुल गिर गया। 1.60 करोड़ की लागत से बन रहा ये पुल अमवा से चैनपुर स्टेशन जाने वाली सड़क पर बन रहा था। आलम यह था कि शाम को इस पुल के ऊपरी भाग की ढलाई हुई और रात होते-होते ये भरभराकर गिर पड़ा। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग ने इस पुल का टेंडर एक निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था। स्थानीय पत्रकार बताते हैं कि बहुत खराब निर्माण हो रहा था पुल में। स्थानीय लोग लगातार इसकी शिकायत कर रहे थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिर में पुल गिर गया। थोड़े समय के बाद 26 जून को किशनगंज जिले में मरिया नदी पर बना 13 साल पुराना पुल धंसने के बाद 28 जून को मधुबनी के झंझारपुर मंडल के मधेपुर प्रखंड में भूतही बलान नदी में निर्माणाधीन पुल का गार्डर गिर गया। 2.98 करोड़ की लागत से बन रहा ये पुल मधेपुर प्रखंड के भेजा कोसी बांध से महपतिया जाने वाली सड़क को जोड़ेगा। दिलचस्प है कि इस मामले में पुल के निर्माण का काम ही मानसून के वक्त शुरू हुआ। पुल नहीं होने से बिहार के कई इलाकों में बांस के बनाए पुल से लोग नदी पार करते हैं। एक साथ 6 पुल के क्षतिग्रस्त होने की वजह क्या है? एक रिटायर्ड अधिकारी ने बताया कि बीते 10-15 सालों में बिहार में बहुत पुल बने हैं लेकिन उनके रखरखाव में खामियां रही हैं और जो मसाला लगाया गया वह भी मानकों पर खरा नहीं उतरता। हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। पुल गिरेंगे नहीं तो और क्या होगा? -अनिल नरेन्द्र

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