निसंदेह भारत ने बहुत तरक्की की है। हर क्षेत्र में हमने आगे बढ़ने की कोशिश की है। नकली सामान बनाने के क्षेत्र में तो हमने सबको पीछे छोड़ दिया है। राजधानी दिल्ली जो उभरते भारत का शो पीस होना चाहिए था आज नकली सामान बेचने के लिए मशहूर हो रहा है। दिल्ली पुलिस ने शनिवार को नकली कीटनाशक में पकड़ा तो एक फर्जी अधिकारी। इस पकड़-धकड़ ने लोगों को चौंका दिया है। राजधानी में खरीददारी करते वक्त जरा बच के रहिए। ब्रांडेड सामान से लेकर नकली शक्तिवर्द्धक दवाएं तक सब कुछ मिलता है दिल्ली की मार्केटों में। विदेशी शराब के शौकीनों को भी लगता होगा कि स्काच विहस्की सस्ती मिल गई पर उन्हें यह नहीं पता होगा कि बोतल असली है, माल नकली। नकली नोट तो आए दिन मिलते ही रहते हैं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने वर्ष 2011 में ऐसे कई गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो कि नकली के खेल में असली नोट कमाने में लगे हुए हैं। पुलिस ने ऐसी पांच यूनिट पकड़ी हैं जो फर्जी स्टिकर बनाकर नामी-गिरामी स्काच की बोतलों पर लगाए जा रहे थे। 285 स्काच की बोतलें बरामद हुईं जिनमें देसी माल भरा हुआ था पर बोतल असली थी और स्टिकर इतने सही कि कोई यह नहीं कह सकता था कि यह नम्बर दो का माल है। दुनिया का शायद ही कोई मुल्क हो जहां नकली दवाएं, नकली दूध जैसा सामान बिके पर मेरी दिल्ली महान में यह सब कुछ होता है। राजधानी वासी दूध के नाम पर जहर पी रहे हैं। मुनाफाखोरों की मनमानी से दिल्ली के 70 फीसदी लोग मिलावटी दूध पीने पर मजबूर हैं। खतरनाक बात यह है कि जांच क sदौरान कई नमूनों में डिटर्जेंट की मिलावट पाई गई। कुछ में वसा पानी फैट ज्यादा मिला है तो कई में पानी की मात्रा बहुत ज्यादा पाई गई। यह सनसनीखेज खुलासा राजधानी के विभिन्न इलाकों से इकट्ठे किए गए दूध के नमूनों की जांच रिपोर्ट से हुआ है। भारतीय खाद्य संरक्षा एक मानक प्राधिकरण द्वारा लिए गए 71 नमूनों में से 50 नमूनों में मिलावट पाई गई। राजधानी दिल्ली में दूध की दैनिक खपत 60 लाख लीटर के आसपास है जिसमें सर्वाधिक लगभग 24 से 25 लाख लीटर दूध की आपूर्ति मदर डेयरी द्वारा की जाती है। छह से साढ़े छह लाख लीटर के आसपास अमूल द्वारा, चार-चार लाख लीटर दूध गोपाल जी और दिल्ली डेयरी योजना (डीएमएस) द्वारा रोजाना की जाती है। निजी क्षेत्र यानि दूधियों और दूसरी कई डेयरियों द्वारा भी रोजाना 18 से 20 लाख लीटर दूध दिया जाता है। बाजार विशेषज्ञों की मानें तो दूध की मांग व आपूर्ति के अन्तर को कई कम्पनियां और कुछ मुनाफाखोर मिलावटी दूध से पूरा कर रहे हैं। पूरे देश से कुल 1791 नमूने जांच के लिए सरकारी प्रयोगशाला में भेजे गए थे। 69 फीसदी नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरते। दुनिया के किसी सभ्य देश में दूध में मिलावट ऐसी नहीं होती जितनी हमारे देश व दिल्ली में होती है। दिल्ली में तो दवा में भी मिलावट हो रही है। नकली दवाओं से मरीजों की हालत उल्टा ज्यादा खराब हो रही है। यहां तक कि शक्तिवर्द्धक दवाएं भी नकली बेची जा रही हैं। इनमें धनिया पाउडर मिलाया जा रहा है। हाल ही में फरीदाबाद और बरेली में ऐसी नकली दवा बनाने वाली फैक्ट्रियां पकड़ी गई हैं। इन मामलों में 20 लोगों को गिरफ्तार करके 64 लाख रुपये की नकली दवाएं जब्त की गई हैं। चार मशीनें भी जब्त हुई हैं। तेल में मिलावट कर फर्जीवाड़ा करने वाले भी शिकंजे में आ गए हैं। पुलिस ने मंडोली के दो ऐसे परिसरों में 12 हजार लीटर ब्लू कैरोसिन आयल, 10 हजार लीटर से अधिक ब्लैक आयल, 33 हजार लीटर नकली एलडीओ व 10 हजार से अधिक आरपीओ बरामद किया है। इतना ही नहीं, फर्जी फ्रैंडशिप क्लब व मसाज पार्लर भी लोगों को चूना लगाने में जुटे हुए हैं। ऐसे तीन गिरोहों का भंडाफोड़ कर 45 लोगों को पकड़ा गया है। इनमें 36 महिलाएं व 9 पुरुष हैं। इनसे एक कार, दो लैपटॉप व 62 मोबाइल बरामद किए गए हैं। लोगों को नौकरी का झांसा देकर नकली नियुक्ति पत्र तक दिए जा रहे हैं। ऐसे तीन गिरोहों को अपराध शाखा ने पकड़ा है। इनमें 345 नकली नियुक्ति पत्र व आवेदन पत्र बरामद हुए हैं। इंटरनेट पर नकली लाटरी निकालने का झांसा देने वाले 9 विदेशी भी पकड़े गए हैं। इन लोगों ने करीब दो करोड़ की धोखाधड़ी की थी। केडिट कार्ड का फर्जीवाड़ा भी पकड़ा गया है। नकली स्टाम्प पेपरों का धंधा भी जोरों पर है। चार लोगों को गिरफ्तार किया गया और इनसे 1779 नकली स्टाम्प पेपर बरामद किए गए। मेरी दिल्ली महान में पता नहीं असली माल कितना बिकता है?
Anil Narendra, Daily Pratap, Food Adultration, Vir Arjun
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