मतदाताओं को फुसलाने के लिए उम्मीदवार और सियासी दल हर तरह के हथकंडे अपनाते हैं, चाहे इसमें धनबल हो, चाहे शराब हो, शबाब हो या फिर नशे के अन्य साधन ही क्यों न हों। चुनाव आयोग ने इस बार इन सब पर अंकुश लगाने की ठानी है। तभी तो आए दिन रुपया पकड़ा जा रहा है। अकेले उत्तर प्रदेश में ही पुलिस ने चुनाव आयोग के निर्देश पर चलाए गए अभियान में गुरुवार को 76 लाख रुपये बरामद किए हैं। अब तक प्रदेश में नकदी की बरामदगी का ग्रॉफ 38 करोड़, 53 लाख, 53 हजार 604 रुपये हो गया है। एडीजी सुबेश कुमार सिंह ने लखनऊ में बताया कि पुलिस के स्टैटिक सर्विलेंस टीम के अभियान में गुरुवार को 76 लाख बरामद हुए हैं। इसमें लखनऊ के तालकटोरा में वैन से 12 लाख रुपये और ठाकुरगंज इलाके में एक इनोवा गाड़ी से 3 लाख रुपये बरामद किए गए। चुनाव आयोग को आशंका है कि अकेले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में काले धन की शक्ल में करीब 10 हजार करोड़ रुपये का इस्तेमाल हो सकता है। इसके मद्देनजर उसके निर्देश पर ही आयकर विभाग ने पूरे राज्य में सघन तलाशी अभियान चला रखा है। गुरुवार को आयोग ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) को पत्र भी लिखा। इसमें ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया, जिससे बैंकों का दुरुपयोग न हो सके। उत्तर प्रदेश में अब तक जो 38 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं उसका 60 फीसदी हिस्सा गाजियाबाद और पंचशील नगर (हापुड़) से मिला है। गाजियाबाद के साहिबाबाद में नौ जनवरी को 12.38 करोड़ रुपये जब्त किए गए, जो आईसीआईसी बैंक से संबंधित थे। यह रकम आरबीआई द्वारा निर्धारित कैश मूवमेंट (यह रुपये बैंक की छोटी शाखा द्वारा बड़ी शाखा में जमा कराने के लिए या किसी एटीएम में डालने के लिए ले जा रहे थे) व्यवस्था के तहत नहीं ले जाया जा रहा था। इसके बाद आयोग ने आरबीआई को पत्र लिखा। इसमें कहा गया, `हम आग्रह करते हैं कि इस घटना (गाजियाबाद में बैंक रुपयों की जब्ती की) की जांच कराएं। साथ ही सुनिश्चित करें कि चुनाव प्रक्रिया में बैंक अवैध धन की आवक-जावक का जरिया न बनें।' मुंबई में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर को यह पत्र मिला है।
अमूमन धन बल-बाहुबल की खबरें उजागर होती रही हैं, लेकिन इस बार जो हथकंडे अपनाए जा रहे हैं वह अभूतपूर्व हैं। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले चुनावों के दौरान गुरुवार तक साढ़े तीन लाख लीटर शराब के साथ-साथ छह किलो हेरोइन व 2.3 लाख नशे के कैप्सूल व गोलियां जब्त की हैं। पंजाब से 85,000 नशीले कैप्सूल व डेढ़ लाख से अधिक गोलियां बरामद हुईं जबकि उत्तर प्रदेश से 87,000 लीटर देसी व 14,000 लीटर विदेशी शराब जब्त हुई है। आयोग के अधिकारी ने कहा कि गांव-गांव पहुंच रही हैं यह नशे की गोलियां। आयोग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इन चुनावों में नशे का सामान जितनी मात्रा में जब्त हुआ है, इतना पहले नहीं हुआ। पहले सिर्प शराब बरामद होती थी। लेकिन इस बार तो हेरोइन, नशे के कैप्सूल व गोलियां तक मिल रही हैं। यह प्रवृत्ति निश्चित रूप से चिन्ताजनक हैं। ऐसे में नशे का इस्तेमाल रोकना चुनाव आयोग व संबंधित सरकारी प्रशासकों के लिए एक गंभीर चुनौती साबित हो रही है। चुनाव आयोग की इस दिशा में सख्ती स्वागत योग्य है। अगर चुनावों को इन लतों से मुक्त कराया जा सके तो यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
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अमूमन धन बल-बाहुबल की खबरें उजागर होती रही हैं, लेकिन इस बार जो हथकंडे अपनाए जा रहे हैं वह अभूतपूर्व हैं। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले चुनावों के दौरान गुरुवार तक साढ़े तीन लाख लीटर शराब के साथ-साथ छह किलो हेरोइन व 2.3 लाख नशे के कैप्सूल व गोलियां जब्त की हैं। पंजाब से 85,000 नशीले कैप्सूल व डेढ़ लाख से अधिक गोलियां बरामद हुईं जबकि उत्तर प्रदेश से 87,000 लीटर देसी व 14,000 लीटर विदेशी शराब जब्त हुई है। आयोग के अधिकारी ने कहा कि गांव-गांव पहुंच रही हैं यह नशे की गोलियां। आयोग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इन चुनावों में नशे का सामान जितनी मात्रा में जब्त हुआ है, इतना पहले नहीं हुआ। पहले सिर्प शराब बरामद होती थी। लेकिन इस बार तो हेरोइन, नशे के कैप्सूल व गोलियां तक मिल रही हैं। यह प्रवृत्ति निश्चित रूप से चिन्ताजनक हैं। ऐसे में नशे का इस्तेमाल रोकना चुनाव आयोग व संबंधित सरकारी प्रशासकों के लिए एक गंभीर चुनौती साबित हो रही है। चुनाव आयोग की इस दिशा में सख्ती स्वागत योग्य है। अगर चुनावों को इन लतों से मुक्त कराया जा सके तो यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
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