Wednesday, 4 January 2012

और ऐसा हुआ भंवरी देवी का दुःखद अंत

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 4th January  2012
अनिल नरेन्द्र
करीब चार माह से लापता नर्स भंवरी देवी का अंत कैसे हुआ इसका तो अब खुलासा हो गया है पर अभी तक न तो उनकी लाश ही मिली है और न ही यह भी ठीक से पता चल सका है कि उनकी लाश को कैसे ठिकाने लगाया गया है। भंवरी देवी अपहरण एवं हत्याकांड के मुख्य सूत्रधार पूर्व उप-जिला प्रमुख सहीराम बिश्नोई के अपराध कबूल लेने से सीबीआई ने भी राहत की सांस ली है। सीबीआई और पुलिस का संयुक्त दल सहीराम के बयान की तस्दीक करने में जुट गया है। इसके चलते जांच दल फिर से उस रास्ते की बारीकी से पड़ताल कर रहा है जिस पर अपहरण करने के बाद भंवरी देवी की हत्या कर दी गई थी। सूत्रों ने बताया कि सहीराम ने भंवरी का अपहरण और उसकी निर्ममता से हत्या के बारे में सीबीआई को जो ब्यौरा दिया है, उसके हिसाब से भंवरी ने अपने अपहरण का अंदेशा होते ही बुलेरो से कूदकर भागने का प्रयास किया था। इस पर मुख्य अपहरणकर्ता सोहन लाल और शहाबुद्दीन ने मिलकर न केवल उसका गला दबा दिया बल्कि शहाबुद्दीन भंवरी को अपने पैरों तले तब तक रौंदता रहा, जब तक वह निढाल नहीं हो गई। भंवरी की हत्या की सनसनीखेज जानकारी सामने आते ही सीबीआई और पुलिस हत्या के ठोस सुबूत जुटाने में नए सिरे से लग गई है। जांच दल शहाबुद्दीन के उन जूतों की भी तलाश कर रहा है जो उसने वारदात के दौरान पहन रखे थे। बताया जाता है कि शहाबुद्दीन ने भंवरी का काम तमाम करने के बाद अपने जूते बीच रास्ते में फेंक कर नए जूते खरीद लिए थे। भंवरी के अपहरण के बाद हत्या के मामले में आरोपी सोहन लाल एण्ड पार्टी ने योजनाबद्ध तरीके से काम किया था। भंवरी को झांसा देने के लिए सोहन लाल ने शहाबुद्दीन को राजू सेठ के रूप में मिलवाया था। बुलेरो में भंवरी का अपहरण करने के बाद आपसी बातचीत में शहाबुद्दीन की पोल खुल जाने पर भंवरी ने जोर से चिल्लाते हुए यह कहा था कि मेरे साथ धोखा हुआ है। तुम राजू सेठ नहीं हो और इसके बाद भंवरी ने बुलेरो की खिड़की से बाहर कूदने का प्रयास भी किया था। भंवरी का सिर और आधा धड़ खिड़की से बाहर निकलते ही शहाबुद्दीन ने उसके दोनों पैरों को पकड़कर वापस गाड़ी के भीतर खींच लिया। इस दौरान सोहन लाल भी पीछे वाली सीट पर आ गया और दोनों ने मिलकर भंवरी के साथ मारपीट की और उसका गला घोंट दिया। इसके बाद शहाबुद्दीन ने भंवरी को सीट के नीचे पटक लिया और उसके गले को जूतों से तब तक रौंदता रहा, जब तक उसके प्राण-पखेरू उड़ नहीं गए। बताया जता है कि शहाबुद्दीन ने भंवरी के खून और झाग से सने जूतों को ओसिया और मथानिया के बीच पड़ने वाले चौराहे पर फेंका था। भंवरी का काम तमाम करने के बाद दोनों ने उसकी लाश को नेवरा रोड पर कुख्यात बदमाश बिशन राम के गैंग को सौंप दिया था। सीबीआई का कहना है कि बिशन की गिरफ्तारी के बाद ही भंवरी की लाश को कैसे ठिकाने लगाया गया, उसकी जानकारी मिल पाएगी। खबर है कि भंवरी के शव की तलाशी सीबीआई हाइटैक तरीकों से कर रही है। रविवार को रिमोट से संचालित एक मिनी हेलीकॉप्टर के जरिये जालोड़ा गांव के छोरों और नहरी क्षेत्र को खंगाला गया। हेलीकॉप्टर में लगे हाई रिजोल्यूशन फोटो इमेजिंग उपकरण और कैमरे से दो किलोमीटर क्षेत्र की तस्वीरें ली गईं। इनके जरिये उस जगह को चिन्हित करने का प्रयास किया गया जहां भंवरी का शव दबा होने की आशंका है। मामला वैसे तो सुलझ गया है पर जब तक शव नहीं मिलता या उसके ठिकाने लगाने के पुख्ता सुबूत नहीं मिलते तब तक केस खुला माना जाएगा।
करीब चार माह से लापता नर्स भंवरी देवी का अंत कैसे हुआ इसका तो अब खुलासा हो गया है पर अभी तक न तो उनकी लाश ही मिली है और न ही यह भी ठीक से पता चल सका है कि उनकी लाश को कैसे ठिकाने लगाया गया है। भंवरी देवी अपहरण एवं हत्याकांड के मुख्य सूत्रधार पूर्व उप-जिला प्रमुख सहीराम बिश्नोई के अपराध कबूल लेने से सीबीआई ने भी राहत की सांस ली है। सीबीआई और पुलिस का संयुक्त दल सहीराम के बयान की तस्दीक करने में जुट गया है। इसके चलते जांच दल फिर से उस रास्ते की बारीकी से पड़ताल कर रहा है जिस पर अपहरण करने के बाद भंवरी देवी की हत्या कर दी गई थी। सूत्रों ने बताया कि सहीराम ने भंवरी का अपहरण और उसकी निर्ममता से हत्या के बारे में सीबीआई को जो ब्यौरा दिया है, उसके हिसाब से भंवरी ने अपने अपहरण का अंदेशा होते ही बुलेरो से कूदकर भागने का प्रयास किया था। इस पर मुख्य अपहरणकर्ता सोहन लाल और शहाबुद्दीन ने मिलकर न केवल उसका गला दबा दिया बल्कि शहाबुद्दीन भंवरी को अपने पैरों तले तब तक रौंदता रहा, जब तक वह निढाल नहीं हो गई। भंवरी की हत्या की सनसनीखेज जानकारी सामने आते ही सीबीआई और पुलिस हत्या के ठोस सुबूत जुटाने में नए सिरे से लग गई है। जांच दल शहाबुद्दीन के उन जूतों की भी तलाश कर रहा है जो उसने वारदात के दौरान पहन रखे थे। बताया जाता है कि शहाबुद्दीन ने भंवरी का काम तमाम करने के बाद अपने जूते बीच रास्ते में फेंक कर नए जूते खरीद लिए थे। भंवरी के अपहरण के बाद हत्या के मामले में आरोपी सोहन लाल एण्ड पार्टी ने योजनाबद्ध तरीके से काम किया था। भंवरी को झांसा देने के लिए सोहन लाल ने शहाबुद्दीन को राजू सेठ के रूप में मिलवाया था। बुलेरो में भंवरी का अपहरण करने के बाद आपसी बातचीत में शहाबुद्दीन की पोल खुल जाने पर भंवरी ने जोर से चिल्लाते हुए यह कहा था कि मेरे साथ धोखा हुआ है। तुम राजू सेठ नहीं हो और इसके बाद भंवरी ने बुलेरो की खिड़की से बाहर कूदने का प्रयास भी किया था। भंवरी का सिर और आधा धड़ खिड़की से बाहर निकलते ही शहाबुद्दीन ने उसके दोनों पैरों को पकड़कर वापस गाड़ी के भीतर खींच लिया। इस दौरान सोहन लाल भी पीछे वाली सीट पर आ गया और दोनों ने मिलकर भंवरी के साथ मारपीट की और उसका गला घोंट दिया। इसके बाद शहाबुद्दीन ने भंवरी को सीट के नीचे पटक लिया और उसके गले को जूतों से तब तक रौंदता रहा, जब तक उसके प्राण-पखेरू उड़ नहीं गए। बताया जता है कि शहाबुद्दीन ने भंवरी के खून और झाग से सने जूतों को ओसिया और मथानिया के बीच पड़ने वाले चौराहे पर फेंका था। भंवरी का काम तमाम करने के बाद दोनों ने उसकी लाश को नेवरा रोड पर कुख्यात बदमाश बिशन राम के गैंग को सौंप दिया था। सीबीआई का कहना है कि बिशन की गिरफ्तारी के बाद ही भंवरी की लाश को कैसे ठिकाने लगाया गया, उसकी जानकारी मिल पाएगी। खबर है कि भंवरी के शव की तलाशी सीबीआई हाइटैक तरीकों से कर रही है। रविवार को रिमोट से संचालित एक मिनी हेलीकॉप्टर के जरिये जालोड़ा गांव के छोरों और नहरी क्षेत्र को खंगाला गया। हेलीकॉप्टर में लगे हाई रिजोल्यूशन फोटो इमेजिंग उपकरण और कैमरे से दो किलोमीटर क्षेत्र की तस्वीरें ली गईं। इनके जरिये उस जगह को चिन्हित करने का प्रयास किया गया जहां भंवरी का शव दबा होने की आशंका है। मामला वैसे तो सुलझ गया है पर जब तक शव नहीं मिलता या उसके ठिकाने लगाने के पुख्ता सुबूत नहीं मिलते तब तक केस खुला माना जाएगा।
Anil Narendra, Bhanwri Devi, CBI, Daily Pratap, Vir Arjun

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