Saturday, 18 November 2017

नोटबंदी के बाद तीन गुना बढ़ा है साइबर क्राइम

बैंक कार्ड और ई-वॉलेट के इस्तेमाल के दौरान होने वाली वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार ने इन साइबर क्राइम को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को बैंक कार्ड और
-वॉलेट में धोखाधड़ी रोकने के लिए सर्विलांस बढ़ाने और कानूनी ढांचा तैयार करने पर जोर दिया। बैठक में गृहमंत्री को जानकारी दी गई कि साइबर क्राइम को लेकर भी कदम उठाए जा रहे हैं जिससे इनकी जवाबदेही और जिम्मेदारी तय की जा सके। पिछले तीन सालों में 1,44,496 साइबर हमले के मामले सामने आए हैं। 2016-17 में 23,902 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी के 4851 केस सामने आए हैं। नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनदेन के साथ साइबर अपराध में तीन गुना बढ़ोत्तरी हुई है। भारतीय वाणिज्य उद्योग मंडल (एसोचैम) के अलावा नोएडा के साइबर अपराध अन्वेषण केंद्र के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। साइबर अपराध विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में अभी साइबर क्राइम से निपटने के लिए संसाधन और आम जनता में इसकी जागरुकता की बेहद कमी है। ऐसे में डिजिटल इंडिया का सपना साकार करना है तो संसाधन के साथ आम जनता में जागरुकता को बढ़ाना बेहद जरूरी है। नोटबंदी के बाद डेबिट/क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन में तेजी आई है। इसी का फायदा साइबर अपराधियों ने उठाया। उन्होंने डेबिट/क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग और अपग्रेडेशन के नाम पर जानकारी एकत्र कर ठगी को अंजाम दिया है। कुछ मामलों में इन क्रिमिनलों का साथ बैंक कर्मचारियों ने भी दिया है। कुछ मामले ऐसे हैं जो बिना बैंक की मिलीभगत से संभव ही नहीं हो सकते। साइबर अपराध अन्वेषण केंद्र के आंकड़े कुछ इस प्रकार हैं। 2015 में 560 साइबर क्राइम। 2016 में यह बढ़कर 639 हो गए और 2017 में यह तीन गुना बढ़कर 1803 तक पहुंच गए। डेबिट/क्रेडिट कार्ड से जुड़े अपराधों का यह ब्यौरा है। 2015 में 378, 2016 में 139 और 2017 में 659। आंकड़े साबित करते हैं कि नोटबंदी के बाद साइबर क्रिमिनल्स ने हमारे कमजोर सिस्टम का फायदा उठाते हुए इनमें तीन गुना बढ़ोत्तरी कर ली है। इसे रोकने के लिए जरूरी है कि देशभर में साइबर क्राइम से निपटने के लिए संसाधन और पुलिस प्रशिक्षण की बढ़ोत्तरी हो। जैसे डिजिटल इंडिया की दिशा में देश बढ़ रहा है वहीं दुख से कहना पड़ता है कि जनता को धोखाधड़ी से लूटने वालों पर कोई लगाम नहीं लग रही है। जनता की गाढ़ी कमाई मिनटों में साफ हो जाती है और उसकी भरपायी करने को कोई भी बैंक व अन्य पूरा करने से साफ बच जाते हैं।

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