Friday, 17 November 2017

धोनी की आलोचना करने वाले पहले अपना करियर देखें

महेंद्र सिंह धोनी का टीम इंडिया के टी-20 के स्क्वॉड में  बने रहने पर खूब चर्चा हो रही है। पूर्व भारतीय कुछ क्रिकेटरों ने जिनमें अजीत आगरकर भी शामिल हैं, ने धोनी के टी-20 के भविष्य पर सवाल उठाए हैं। कई पूर्व खिलाड़ियों यहां तक कि वीवीएस लक्ष्मण ने भी धोनी के
टी-20 करियर पर सवाल खड़े किए हैं। कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी ने टी-20 से संन्यास लेने को लेकर उठे सवाल और आलोचनाओं को उसी शांत और स्थिर आवाज से खारिज करते हुए कहा कि हर किसी के जीवन के बारे में अपनी राय होती है। हालांकि दो बार विश्व कप विजेता टीम के कप्तान 36 वर्षीय धोनी इन आलोचनाओं से जरा भी परेशान नहीं दिखते। धोनी ने युवा भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर 2007 में शुरुआती विश्व टी-20 कप और 2011 वन डे विश्व कप जीता। वहीं टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्राr धोनी के पक्ष में खड़े हो गए हैं। 2019 के वर्ल्ड कप तक उन्हें टीम के लिए जरूरी मानते हैं। कोहली ने तो यहां तक कह दिया है कि धोनी की उम्र 35 वर्ष से ज्यादा है, इसलिए उन पर सवाल उठ रहे हैं जबकि टीम के लिए अभी भी उनका परफार्मेंस अच्छा है। कप्तान की बात काफी हद तक सही भी है, क्योकिं अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मुकाबले में पिछले तीन साल में धोनी का औसत और स्ट्राइक रेट उनके करियर के शुरुआती नौ वर्ष के मुकाबले बेहतर है। हालांकि यह भी सही है कि धोनी अब पहले की तरह आते ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी नहीं कर पाते, जिसकी टी-20 में जरूरत होती है। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि बैटिंग आर्डर में उनकी जगह तय नहीं है। यह भी सच है कि धोनी अब आते ही बड़े शॉट नहीं लगा पाते। न्यूजीलैंड के खिलाफ वन डे और टी-20 सीरीज से पहले आस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबलों में भी ऐसा देखने को मिला है। 100 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से पहले धोनी औसतन 23 गेंदें खेलते हैं। हालांकि अंत तक टिके रहे तो उनका स्ट्राइक रेट 125 से ज्यादा होता है। लेकिन टी-20 में अधिकांश बार यह जरूरी होता है कि आते ही बल्लेबाज लंबे शॉट खेले। धोनी ने पिछले तीन साल में 33 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 140 से ज्यादा का स्ट्राइक रेट से रन बनाए। इससे पहले 2006 से 2014 के बीच उन्होंने केवल 2010 में इससे ज्यादा की स्ट्राइक रेट से रन बनाए थे। टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्राr ने कहा कि धोनी पर टिप्पणी करने से पहले लोगों को अपने करियर को देखना चाहिए। इस पूर्व कप्तान में काफी क्रिकेट बचा है और यह टीम की जिम्मेदारी है कि वह इस खिलाड़ी का समर्थन करे। उन्होंने कहा कि विकेट के पीछे और बल्ले से क्षमता, समझदारी में धोनी से बेहतर कोई नहीं है।


-अनिल नरेन्द्र

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