मिस्र में अब तक के सबसे भीषण आतंकी हमले में
अशांत उत्तरी सिनाई क्षेत्र की एक मस्जिद में दहशतगर्दों ने जुमे की नमाज के समय कहर
बरपाया। शुक्रवार को दहशतगर्दों ने पहले आईईडी से धमाका किया और फिर गोलियां बरसाईं।
इस हमले में लगभग 300 लोगों के मरने की खबर है
जबकि 100 से ऊपर घायल हैं। जिस किसी ने भी बचकर निकलने की कोशिश
की उन्हें मार डाला गया। ऐसा बताया जा रहा है कि हमलावरों ने मस्जिद के बाहर खड़े वाहनों
को आग लगा दी थी जिससे लोगों को बाहर निकलने से रोका जा सके। उन्होंने पीड़ितों की
मदद करने की कोशिश कर रही एम्बुलेंस पर भी गोलियां चलाईं। आधुनिक मिस्र के इतिहास में
यह अभी तक का सबसे खतरनाक चरमपंथी हमला है। अभी इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं
ली है मगर माना जा रहा है कि इसके पीछे इस्लामिक स्टेट (आईएस)
का हाथ हो सकता है। पिछले साल से वो आम लोगों को निशाना बना रहे हैं।
सरकारी न्यूज एजेंसी मेना के मुताबिक हमलावरों ने अल-आरिश शहर
की अल-रावदा मस्जिद को निशाना बनाया। सिनाई प्रायद्वीप
2011 से ही हिंसा की आग में जल रहा है। वहां हिंसक घटनाओं में
700 जवानों की मौत हो चुकी है। वर्ष 2014 में आतंकियों
ने 31 जवानों की हत्या कर दी थी। इसके बाद आपातकाल लगाया गया
था। इसी साल मई में 26 इसाइयों की हत्या कर दी गई थी। घटना के
बाद मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सीसी ने टीवी पर दिए संबोधन में इस हमले में
मारे गए और जख्मी हुए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना
का बदला लिया जाएगा। तहरीर इंस्टीट्यूट ऑफ मिडिल ईस्ट पॉलिसी में शोधार्थी टिमोथी कैलदस
मानते हैं कि इसके पीछे आईएस का हाथ हो सकता है। पिछले साल से वो आम लोगों को निशाना
बना रहे हैं और खासकर इसाइयों को। उन्होंने कहाöयह एक सूफी मस्जिद
थी, जिसे आईएस अपने धर्म के खिलाफ मानता है। उत्तरी सिनाई में
बहुत से लोग आईएस के खिलाफ लड़ाई में सरकार की मदद भी कर रहे थे, ऐसे में हमले की एक वजह यह भी हो सकती है। इस इलाके में रहने वाले बद्दू कबायली
अपने ऊपर हुए इस हमले के बाद और खुलकर सरकार की मदद कर सकते हैं। मिस्र सरकार के सामने
यह एक बहुत बड़ी चुनौती है। अगर इस हमले के पीछे आईएस का हाथ है तो यह चिन्ता का विषय
है क्योंकि पिछले कुछ समय से आईएस ने इराक और सीरिया में अपनी पकड़ गंवाई है। हो सकता
है कि इस तरह के हमले को अंजाम देकर आईएस अपने समर्थकों तक यह संदेश पहुंचाना चाह रहा
हो कि वह अभी भी सक्रिय है और अपने दुश्मनों से लड़ रहा है।
-अनिल नरेन्द्र
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