भारत
ने बुधवार को लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण कर इतिहास रच दिया। अब
तक कोई भी देश सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को किसी फाइटर जेट से लांच नहीं कर पाया है।
सुखोई-30 एमकेआई से दागा गया निशाना
सटीक रहा। मिसाइल ने अपने लक्ष्य को उड़ा दिया। इसके साथ ही एक और रिकार्ड बना। भारत
ऐसा पहला देश बन गया है जिसके पास जमीन, समुद्र और हवा से मार
करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। हवा से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल
ध्वनि की गति से भी करीब तीन गुना ज्यादा तेज उड़ती है। इसके लैंड और वॉरशिप वर्जन
को सेनाओं में पहले ही शामिल किया जा चुका है। भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम से तैयार
हुई इस मिसाइल का जल और थल से पहले ही सफल परीक्षण किया जा चुका था, अब इसका वायु में भी सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया गया। इस तरह यह तय हो गया
कि ब्रह्मोस जल, थल और वायु से छोड़ी जा सकने वाली मिसाइल बन
गई है। इस क्षमता को ट्रायड कहा जाता है। ट्रायड की विश्वसनीय क्षमता इससे पहले सिर्फ
अमेरिका, रूस और सीमित रूप से फ्रांस के पास मौजूद है। ब्रह्मोस
को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल माना जा रहा है। इसकी रफ्तार 2.8 मैक (ध्वनि की रफ्तार के बराबर) है। इस मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर है और यह 300
किलोग्राम भारी युद्धक सामग्री ले जा सकती है। यह सच है कि इस परीक्षण
के बाद पाकिस्तान और चीन गश खा रहे होंगे। इस सफल परीक्षण से भारतीय वायुसेना की मारक
क्षमता कई गुना बढ़ गई है और जमीन तथा समुद्र से इसके सफल परीक्षणों के बाद भारत ने
हवा से भी इस मिसाइल के प्रक्षेपण की क्षमता हासिल कर ली है। इस मिसाइल का वजन 3000
किलो है, लंबाई आठ मीटर, चौड़ाई 0.6 मीटर, निशाना अचूक है,
इसलिए कहते हैंöदागो और भूल जाओ। ब्रह्मोस न्यूक्लियर
वॉर हैड तकनीक से लैस है। दुनिया की कोई भी मिसाइल तेज गति से हमले के मामले में इसकी
बराबरी नहीं कर सकती। अमेरिका की टॉय हॉक मिसाइल भी इसके आगे कमतर है। भारत ने ब्रह्मोस
मिसाइल को अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी सीमा पर तैनात किया था। सूत्रों का कहना है
कि टेस्ट की सीरीज सफल होने के बाद 42 सुखोई लड़ाकू विमानों को
ब्रह्मोस मिसाइल से लैस किया जाएगा। इन दोनों के कॉम्बिनेशन को अत्यंत मारक माना जा
रहा है। दुश्मन के इलाके में आतंकवादियों के कैंपों, एटमी बंकरों
और कमान सेंटरों को बिल्कुल सटीक तरीके से उड़ाया जा सकेगा। देश के वैज्ञानिकों पर
हमें नाज है। ब्रह्मोस के सफल परीक्षण पर पूरे देश को गर्व है और हमारे पड़ोसियों के
लिए दहशत है।
-अनिल नरेन्द्र
No comments:
Post a Comment