Friday 19 January 2018

ताकतवर ही ला सकता है अमन

भारत के दौरे पर आए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को कहा कि आतंकवाद से भारत और इजरायल दोनों ही पीड़ित हैं। नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहाöभारत और इजरायल, दोनों ही आतंकी हमले के दर्द को अच्छी तरह जानते हैं। हमें आज भी 26 नवम्बर 2008 को मुंबई पर हुए भयानक हमले का मंजर याद है। लेकिन आतंकवाद के आगे हम झुकेंगे नहीं, बल्कि उसको मिलकर मुंहतोड़ जवाब देंगे। इजरायली प्रधानमंत्री ने आतंकियों और उनके संगठनों के साथ-साथ आतंकवाद प्रायोजित करने वाले, उन्हें वित्तीय मदद करने वालों और उन्हें पनाह देने वालों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकी गतिविधि को किसी भी आधार पर जायज नहीं ठहराया जा सकता है। बता दें कि 2016 में इजरायल में 122 आतंकी हमले हुए। इन हमलों में 90 लोगों की मौत हुई और 381 लोग घायल हुए। फिलस्तीन के चरमपंथी संगठन हम्मास के लड़ाके इजरायली नागरिकों को निशाना बनाते हैं। रॉकेट हमले, चाकूबाजी, गोलाबारी और बम धमाकों से हमले होते हैं। गाजापट्टी और वैस्ट बैंक के सीमावर्ती इलाकों और यरुशलम में सबसे अधिक हमले होते हैं। भारत में पिछले साल जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में 75 जवानों की शहादत हुई, 40 नागरिकों की जान गई। 321 लोग इन आतंकी हमलों में घायल हुए, करोड़ों की सम्पत्ति का नुकसान हुआ। इन आतंकी हमलों में भारत और इजरायल के रिस्पांस में फर्क हैं। दुनिया की सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी मोसाद आतंकियों पर नजर रखती है। दुश्मनों को हमला करने से पहले ही मोसाद की सूचना पर सैनिक उनका सफाया कर देते हैं। इजरायल नागरिक विमानों में कमांडो तैनात करने वाले शुरुआती देशों में से एक है। सीमा पर लेजर दीवार खड़ी की, मिसाइलरोधी प्रणाली विकसित की। यरुशलम विवाद को पीछे छोड़ भारत और इजरायल आतंक के खिलाफ साझा तंत्र बनाने पर सहमत हुए हैं। यह सहमति दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) के बीच मैराथन बैठक के बाद तय हुई। बातचीत मुख्य तौर से सीमा पार आतंकवाद से निपटने के लिए साझा तंत्र विकसित करने पर सहमति बनी। इजरायल आतंकवाद से निपटने के लिए मशहूर है। अगर वह भारत के साथ इस ज्वलंत समस्या पर एका करे तो निश्चित रूप से भारत की सुरक्षा में फर्क पड़ जाएगा।

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