मंगलवार को दावोस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी ने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक पंचायत को संबोधित करते
हुए उन्होंने कहा कि आज दुनिया में आतंकवाद, संरक्षणवाद
और जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा खतरा हैं जिनसे दुनिया को एकजुट होकर निपटना पड़ेगा।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की 48वीं सालाना बैठक का उद्घाटन करते हुए मोदी ने दुनियाभर के निवेशकों को भारत
में निवेश का आह्वान किया। डब्ल्यूईएफ की बैठक को संबोधित करने वाले मोदी पहले भारतीय
प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवे गौड़ा ने मंच की बैठक में शिरकत की थी। स्विट्जरलैंड को हम
उसकी बर्फबारी और खूबसूरत वाfिदयों के लिए जानते हैं। कई हिंदी
फिल्मों में इन्हीं वादियों के बीच हीरो-हीरोइन का रोमांस परवान
चढ़ता और उतरता रहा है लेकिन इसी देश के एक छोटे से शहर में दुनिया के बड़े-बड़े सियासी और कारोबारी फैसले परवान चढ़ते हैं। इस शहर का नाम है दावोस जो
फिलहाल हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे की वजह से चर्चा में है। यहां वर्ल्ड
इकॉनामिक फोरम है और इसी में मोदी शामिल हुए हैं। साल 1997 के
बाद कोई प्रधानमंत्री यहां पहली बार जा रहा है। इसकी वजह पूछी गई तो मोदी ने कहा,
`दुनिया भली-भांति जानती है कि दावोस अर्थजगत की
पंचायत बन गया है। दावोस दुनिया के लिए इतना खास क्यों है?' क्यों
पूरी दुनिया की अर्थनीति वहां से प्रभावित होती है? क्यों आस्ट्रेलिया
से अमेरिका तक के दिग्गज नेता यहां पहुंचते हैं? यहां दुनिया
भर के राजनीतिक और कारोबारी दिग्गज साल में एक बार जुटते हैं और सरल भाषा में इस अहम
बैठक को दावोस भी कहा जाता है, इसके अलावा ये स्विट्जरलैंड का
सबसे बड़ा स्की रिजार्ट भी है। हर साल के अंत में यहां सालाना स्पेगलर कप आईस हाकी
टूर्नामेंट का आयोजन होता है जिसकी मेजबानी एचसी दावोस लोकल हाकी टीम करती है। दावोस
यूं तो बेहद खूबसूरत है लेकिन उसे दुनिया के नक्शे पर पहचान मिली है वर्ल्ड इकॉनामिक
फोरम की वजह से। फोरम की वेबसाइट के मुताबिक उसे दावोस-क्लोस्टर्स
की सालाना बैठक के लिए जाना जाता है। बीते कई साल से कारोबारी, सरकारें और सिविल सोसायटी के नुमाइंदे वैश्विक मुद्दे पर चर्चा के लिए यहां
जुटते हैं और चुनौतियों से निपटने के लिए समाधानों
पर विचार करते हैं। दरअसल जनवरी में इसकी सालाना बैठक होती है और दुनियाभर के जाने-माने लोग यहां पहुंचते हैं। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने महत्वपूर्ण मुद्दे
उठाए हैं और भारत में निवेश बढ़ाने की अपील की है। उनके हिंदी में भाषण का भी स्वागत
है।
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