Saturday, 20 January 2018

पाकिस्तान में कोई केस हाफिज साहब के खिलाफ नहीं है

पाकिस्तान आतंक और आतंकवादियों के प्रति न केवल हमदर्दी ही रखता है बल्कि उन्हें हर तरह से पनाह व समर्थन भी देता है। यह बात एक बार फिर साबित हो गई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहाöपाकिस्तान में कोई केस हाफिज सईद साहब के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर किसी के खिलाफ कोई केस रजिस्टर होगा तो कार्रवाई होगी। नवम्बर 2017 में भी अब्बासी ने कहा था कि भारत ने हाफिज सईद के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं किया है। जिसके बल पर कानूनी कार्रवाई की जा सके। अब्बासी ने हाफिज सईद के बारे में पूछे जाने पर साहब कहते हुए बड़े अदब के साथ उसका नाम लिया। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी हुकूमत ने हाफिज सईद का इस तरह बचाव किया है। हालांकि अनेक सबूतों से जाहिर है कि मुंबई के आतंकी हमले और भारत में हुई दहशतगर्दी की कई दूसरी वारदातों में हाफिज का हाथ था। मगर भारत की तरफ से पेश किए गए तमाम सबूतों को पाकिस्तान खारिज करता रहा है। बेशक वह अपनी तरफ से दुनियाभर में यह साबित करने की कोशिश करे कि पाकिस्तान में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं है मगर वह इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने न केवल हाफिज सईद को वांछित वैश्विक आतंकवादियों की सूची में नाम दर्ज कर रखा है बल्कि उसके ऊपर अमेरिका ने छह करोड़ रुपए से अधिक का इनाम भी घोषित कर रखा है। इससे एक बार फिर यह साबित हो जाता है कि आतंकवाद पाकिस्तान सरकार की विदेश नीति का हिस्सा है। यह भी बार-बार साबित हो चुका है कि पाकिस्तानी हुक्मरान दहशतगर्दी व आतंकी संगठनों, सेना और वहां की खुफिया एजेंसी के हाथों की कठपुतली की तरह काम करते हैं। पाकिस्तानी हुकूमत चाहे जितना बचाव करे पर यह हकीकत दुनिया के सामने है कि हाफिज सईद पाकिस्तान में आतंकी संगठनों का सरगना है। खासकर भारत में दहशतगर्दी फैलाने में उसका अकसर हाथ रहता है। जब अमेरिका का दबाव पड़ा तो पाकिस्तान ने लश्कर--तैयबा पर प्रतिबंध जरूर लगा दिया था, लेकिन जमात-उद-दावा नाम से उसने नया संगठन खड़ा कर लिया था। यानी संगठन ने दुनिया की आंखों में धूल झोंकने हेतु सिर्फ अपना चोला बदल लिया। अपनी हुकूमत महफूज रखने की मंशा से बेशक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद अब्बासी हाफिज सईद का बचाव कर लें, पर देर-सबेर इसका उसे भी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। भारत, अमेरिका व संयुक्त राष्ट्र सभी को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता।

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