Tuesday 2 January 2018

राज्यसभा चुनाव आप के गले की फांस बन गई है

आम आदमी पार्टी (आप) में राज्यसभा का टिकट पाने के लिए सियासत तेज हो गई है। दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों को लेकर आप में मचा घमासान राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी व आप सरकार के लिए खतरा साबित हो सकता है। पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास ताल ठोंक कर मैदान में आ गए हैं। राज्यसभा के लिए उनको पार्टी का उम्मीदवार बनाने के लिए समर्थन में आप कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में तंबू गाड़ दिए हैं। कुमार के बागी तेवर को देखते हुए सियासी गलियारों में ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सूबे में सत्तारूढ़ दल में राज्यसभा चुनाव के बहाने बड़ी उठापटक हो सकती है। पार्टी कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे एक कार्यकर्ता ने बताया कि अरविन्द केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, कुमार विश्वास व संजय सिंह आप की वह बुनियाद हैं, जिस पर दिल्ली में सरकार बनी है। वहीं इन नेताओं के सहारे पार्टी को पूरे देश में भी पहचान मिली है। केजरीवाल, सिसोदिया व विश्वास की पार्टी बनने से पहले से दोस्ती भी रही है, लेकिन सियासत में आने के बाद कुछ ऐसे  लोग पार्टी से जुड़ गए, जिन्होंने न सिर्फ पुरानी दोस्ती में दरार डाली, बल्कि सियासी तौर पर एक-दूसरे के बीच दुश्मनी भी करा दी है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान कुमार विश्वास को हुआ। आम आदमी पार्टी में नेताओं के बीच टकराव न हो इसलिए केजरीवाल देश के अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले दिग्गज नेताओं को राज्यसभा भेजना चाहते हैं। इससे एक तरफ पार्टी के अंदर लड़ाई-झगड़े से बचा जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ विशेषज्ञों को राज्यसभा में भेजकर आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर अपनी गंभीरता और सक्रियता का प्रदर्शन करना चाहती है। राज्यसभा की टिकट पाने को लेकर लड़ाई बहुत तेज हो गई है। केजरीवाल ने एक पुराने वीडियो का सहारा लेते हुए इशारे-इशारे में संकेत दे दिया है कि कुमार के लिए पार्टी में अब कोई जगह नहीं है। केजरीवाल ने सोशल मीडिया के जरिये कहा है कि आम आदमी पार्टी में जिन नेताओं को पद व टिकट का लालच है, उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए। ऐसे लोग गलत पार्टी में आ गए हैं। दरअसल राज्यसभा चुनाव आप के गले की फांस बनती जा रही है। पार्टी एक तरफ बाहर के जिन लोगों से सम्पर्क कर रही है, वह उच्च सदन जाने को ज्यादा इच्छुक नहीं है। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि अभी पीएसी की बैठक नहीं हुई है। तीन-चार जनवरी को इसकी बैठक होगी। इसमें राज्यसभा में भेजे जाने वाले नामों की चर्चा होगी। कोशिश देश के सबसे बेहतर तीन लोगों को राज्यसभा में भेजने की है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि पांच जनवरी है।

-अनिल नरेन्द्र

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