Thursday, 25 January 2018

अप्रैल के बाद बदल जाएगी राज्यसभा की तस्वीर

संसद में लोकसभा के बहुमत वाली पार्टी भाजपा अब राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है। भारतीय संसद के उच्च सदन की असली तस्वीर अप्रैल में बदलेगी जब इसके 55 सदस्यों का कार्यकाल पूरा होगा। अप्रैल माह में 53 सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है तथा यदि संबंधित राज्यों की वर्तमान विधानसभा की तस्वीर पर नजर डाली जाए तो इनकी जगह चुनकर आने वाले सदस्यों में भाजपा को छह सीटों का फायदा हो सकता है और कांग्रेस को चार सीटों का नुकसान झेलना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अप्रैल में भाजपा के 23, कांग्रेस के आठ और अन्य दलों के 21 सदस्य जीतकर आ सकते हैं। 27 जनवरी को कांग्रेस के तीन सदस्यों का कार्यकाल पूरा होगा। कांग्रेस के जनार्दन द्विवेदी, परवेज हाशमी और डा. कर्ण सिंह सेवानिवृत्त हो रहे हैं। तीनों राज्यसभा में दिल्ली का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और इनके स्थान पर अब आम आदमी पार्टी के तीन सदस्य संजय सिंह, नारायण दास गुप्ता और सुशील गुप्ता को आना है, जबकि फरवरी में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट केहियो ला चुगपा, 23 तारीख को सेवानिवृत्त होंगे। इन तीनों सदस्यों के जाने के बाद कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 54 रह जाएगी। राज्यसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के पास अभी तक राज्यसभा में न तो बहुमत था और न ही वह सबसे बड़ी पार्टी ही थी। अप्रैल में जिनका कार्यकाल पूरा होगा उनमें केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, जेपी नड्डा, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, राजीव शुक्ला, रेणुका चौधरी तथा मनोनीत सदस्य रेखा एवं सचिन तेंदुलकर शामिल हैं। यदि उच्च सदन में वर्तमान संख्या बल पर नजर डालें तो भाजपा के 58 सदस्य और कांग्रेस के 57 सदस्य हैं। अप्रैल में वर्तमान 55 सदस्यों की जगह नए पुननिर्वाचित सदस्यों के आगमन के बाद भाजपा सदस्यों की संख्या 64 और कांग्रेस की 53 हो सकती है। उत्तर प्रदेश विधानसभा की वर्तमान स्थिति के अनुसार राज्यसभा की इस राज्य से खाली हो रहीं नौ सीटों में से 7 भाजपा को मिल सकती हैं, जबकि दो विपक्षी दलों के पास जा सकती हैं। बहुमत के अभाव में सरकार को उच्च सदन में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में कठिनाई आती है। उल्लेखनीय है कि उच्च सदन एक स्थायी सदन है जिसमें हर दो वर्ष के भीतर दो तिहाई सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो जाता है। कुल मिलाकर अप्रैल के बाद राज्यसभा की तस्वीर बदलेगी और सरकार को राज्यसभा में पर्याप्त संख्या में सांसदों की कमी से जो कठिनाई होती है वह दूर हो जाएगी।

- अनिल नरेन्द्र

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