Sunday, 1 August 2021
पेगासस समूह पर छापेमारी
इजरायल सरकार ने पेगासस स्पाइवेयर को विकसित करने वाले एनएसओ समूह के कार्यालयों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई मीडिया में आई उन खबरों के बाद की गई है जिनमें पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग कई देशों की सरकारों की ओर से विपक्षी नेताओं और अन्य महत्वपूर्ण लोगों की जासूसी करने में किया गया है। छापेमारी की यह कार्रवाई बुधवार को की गई। एनएसओ समूह के एक प्रवक्ता ने इजरायल की एक समाचार वेबसाइट से कहा कि इजरायली रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने उनके दफ्तरों का दौर किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी इजरायल सरकार के साथ पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रही है। हमें पूरा विश्वास है कि यह निरीक्षण हमारे उन दावों को पुख्ता करेगा, जिन मीडिया हमलों के बारे में कंपनी लगातार बताती रही है। कंपनी की ओर से कहा गया है कि पेगासस का उपयोग सरकारी गुप्तचर और कानून लागू करने वाली एजेंसियां ही कर सकती हैं। इसके अलावा कंपनी की ओर से कहा गया कि कंपनी पेगासस का उपयोग किन लोगों पर किया जा रहा है, इसकी जानकारी नहीं रखती है। लेकिन यदि हमें इसके गलत इस्तेमाल की शिकायत मिलती है तो हम उन लोगों की सूची उपलब्ध करा सकते हैं जिन पर स्पाइवेयर का उपयोग किया गया है और इसका दुरुपयोग साबित होने के बाद इसे बंद भी किया जा सकता है। हाल ही में एक वैश्विक सहयोगी खोजी परियोजना में सामने आया था कि पेगासस स्पाइवेयर के निशाने पर भारत में 300 से अधिक मोबाइल नम्बर थे। इसमें केंद्र सरकार के मंत्री, विपक्ष के नेता, संवैधानिक संस्थाओं से जुड़े प्रमुख लोग, पत्रकार और व्यापारी शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और रेल वेब सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी इस सूची में शामिल थे। विपक्षी पार्टियों की ओर से इन मुद्दों पर बड़े हंगामे के बीच सरकार ने इस आरोप से इंकार किया है कि पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग राजनीतिज्ञों, पत्रकारों और संवैधानिक संस्थाओं की जासूसी के लिए किया गया है। सरकार की ओर से इस जासूसी के मामले को सनसनीखेज बताया गया है। साथ ही इसे संस्थाओं की छवि को खराब करने का प्रयास बताया गया है।
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