Thursday, 5 August 2021
नीतीश के साथ भाजपा के अंदर से भी उठी आवाज
पेगासस जासूसी मामले को लेकर संसद में लगातार हंगामा जारी है। विपक्ष की मांग है कि पूरे मामले की संयुक्त संसदीय समिति और सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में जांच कराई जाए। विपक्ष की इस मांग को सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समर्थन किया। वहीं पूर्व राज्यपाल व वरिष्ठ भाजपा नेता कप्तान सिंह सोलंकी ने भी पेगासस जांच का समर्थन करते हुए कहा कि संसद का गतिरोध दूर करने के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष को बातचीत का कोई रास्ता निकालना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहाö पेगासस मुद्दा अब उच्चतम न्यायालय में है। इसलिए इस मामले को अब शीर्ष अदालत के निर्णय पर छोड़ देना चाहिए। हरियाणा और त्रिपुरा के राज्यपाल रह चुके सोलंकी ने कहा ः लोकतंत्र आपसी विश्वास पर टिका हुआ है और दूसरी इसकी निजता की सुरक्षा होनी चाहिए। पेगासस का मुद्दा विदेशी एजेंसियों ने उठाया है। इसमें दोनों पक्षों के सांसद, पत्रकार सहित कई लोगें के नाम हैं। इससे एक प्रकार का अविश्वास पैदा हो गया है। इसमें सच क्या है, इसकी जांच होनी चाहिए। जिस दो एजेंसियों ने यह समाचार छापा है उनसे इसका स्रोत पूछा जाना चाहिए, ताकि यदि कुछ है तो सामने आएगा और अगर वह झूठ है तो उसका पर्दाफाश होगा और फिर मामला खत्म हो जाएगा। उधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष के स्वर के साथ स्वर मिलाते हुए सोमवार को कहा कि फोन टैपिंग से जुड़े सब पहलू की जांच की जानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। मुख्यमंत्री सचिवालय (पटना) परिसर में सोमवार को आयोजित जनता दरबार में मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान फोन टैपिंग से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि फोन टैपिंग की बात काफी दिनों से सामने आ रही है और इस पर पहले ही चर्चा हो जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा मेरी समझ से इससे जुड़े एक-एक पहलू को देखकर उचित कदम उठाया जाना चाहिए। फोन टैपिंग को लेकर संसद में कुछ सदस्यें ने अपनी बात रखी है। इससे जुड़े सभी पहलुओं की जांच इसलिए भी जरूरी है ताकि सच्चाई सामने आ सके। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बताए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश ने कहा, वे हमारी पार्टी के साथी हैं, वे कुछ भी बोल देते हैं लेकिन हमारे बारे में यह सब कहने की जरूरत नहीं है। उधर एक वरिष्ठ पत्रकार ने इजरायली जासूसी साफ्टवेयर पेगासस का वंचित तौर पर उसके मोबाइल में उपयोग करने संबंधी मंजूरी और जांच से जुड़ी सामग्री का खुलासा करने के लिए केन्द्र को निर्देश दिए जाने के अनुरोध के साथ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। शीर्ष अदालत पहुंचने वाले वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता का नाम भी इस कथित सूची में सामने आया था जिन्हें पेगासस का उपयोग कर कथित तौर पर जासूसी के लिए निशाना बनाया गया। ठाकुरता ने उच्चतम न्यायालय से जासूसी साफ्टवेयर के उपयोग को गैर-कानूनी और असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया और कहा कि पेगासस की मौजूदगी का अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। वरिष्ठ पत्रकार ने अदालत से यह भी अनुरोध किया कि केन्द्र सरकार को पेगासस जैसे जासूसी साफ्टवेयर का साइबर हथियारों से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए उपयुक्त कदम उठाने का निर्देश दे।
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