Wednesday, 25 August 2021

आतंकियों के निशाने पर भाजपा नेता

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी मारे गए, जिनमें से एक भाजपा पार्षद की हत्या में शामिल था। कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के विजय कुमार ने बताया, मुठभेड़ में मारा गया आतंकी वकील शाह त्राल इलाके में दो जून को भाजपा के नगर निगम पार्षद राकेश पंडित की हत्या में शामिल था। कश्मीर में भाजपा नेताओं की जान सांसत में है। नतीजा सामने है। एक भाजपा नेता की हत्या के बाद आतंकियों द्वारा जारी की गई धमकियों के परिणामस्वरूप आधा दर्जन भाजपा नेता एक सप्ताह में भाजपा का दामन छोड़ चुके हैं। ताजा घटनाक्रम में कुलगाम में भाजपा के विधानसभा क्षेत्र के इंचार्ज ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस्तीफा देने की घोषणा करते हुए कहा कि भाजपा से कोई लेना-देना नहीं है। पिछले दो हफ्ते में कश्मीर खासतौर पर दक्षिण कश्मीर में चार नेताओं की हत्या हुई है। इसके बाद से इलाके के नेताओं में डर का माहौल बना हुआ है। कुलगाम में भाजपा के विधानसभा क्षेत्र के इंचार्ज मुबारक अहमद बट की तरफ से इस्तीफा दे दिया गया है। इसी इलाके में कुछ दिन पहले भाजपा नेता की हत्या हुई थी। बताया जा रहा है कि आतंकियों की तरफ से लगातार नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। खासतौर पर भाजपा नेताओं पर हमले किए जा रहे हैं। भाजपा के नेताओं पर हमले होने के बाद कई नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। भाजपा कश्मीर में अपनी पार्टी को मजबूत करने में लगी हुई है लेकिन इस प्रकार की घटनाओं के बाद नेताओं में खौफ का माहौल बना हुआ है। कुछ अरसा पहले कश्मीर में भाजपा का साथ छोड़ने वालों में दो प्रमुख नेता बारामुल्ला के भाजपा युवा इकाई के प्रधान यारुफ बट तथा कुपवाड़ा के भाजपा के जिला उपाध्यक्ष आसिफ अहमद भी हैं। दोनों ने बांदीपुरा के पूर्व जिलाध्यक्ष शेख वसीम बारी की हत्या के बाद ऐसा कदम उठाया था। कइयों ने बाकायदा फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफों की घोषणा करते हुए सुरक्षा के मुद्दे को उठाया था। सुरक्षा अधिकारियों ने इसे माना है कि वर्ष 2019 में पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर राज्य के दो टुकड़े कर देने की कवायद के बाद से ही भाजपा नेता व कार्यकर्ता आतंकियों के निशाने पर थे। इस अवधि में आतंकियों ने कइयों पर जानलेवा हमले भी किए थे। अब जबकि आतंकी खुलकर भाजपा नेताओं को पोस्टरों के माध्यम से धमकियों व चेतावनियों को जारी करने में लगे हैं तो जान बचाने की खातिर भाजपा नेताओं ने पार्टी की अतिरिक्त राजनीति से भी किनारा करने का ऐलान करने आरंभ कर दिए हैं। पिछले शनिवार को ही तहरीकुल मुजाहिद्दीन ने इस आशय के पोस्टर चिपका दिए थे जिन्हें बाद में उतार तो लिया गया था, पर वह अपना असर जरूर छोड़ गए थे। घाटी में सियासतदानों की जानें खतरे में हैं और प्रशासन को इनकी सुरक्षा के लिए जरूरी कदम अविलंब उठाने पड़ेंगे। पाक समर्थक आतंकी गुट नहीं चाहते कि घाटी में भाजपा समेत अन्य ऐसे ही राजनीतिक दल वहां अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकें। भाजपा घाटी में अपनी जड़ें पक्की करने में जुटी हुई है पर अगर इन हत्याओं पर तुरन्त रोक नहीं लगी तो पार्टी से सभी कश्मीरी नेता भाग जाएंगे।

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