Friday, 6 August 2021

सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या ने पकड़ा तूल

दिल्ली कैंट के नांगल गांव में सामूहिक दुष्कर्म के बाद नौ साल की बच्ची की हत्या कर शव का अंतिम संस्कार कराने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मंगलवार को बच्ची के परिजनों से मिलने के लिए कई पार्टियों के नेता पहुंचे। इनमें भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी प्रमुख रहे। इन नेताओं को स्थानीय लोगों का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों ने इस मामले को राजनीतिक बनाने पर आपत्ति जताई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार को बच्ची के परिजनों से मिले। चंद्रशेखर ने मुलाकात के दौरान परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राजधानी में बच्ची सुरक्षित नहीं है तो देश के अन्य हिस्सों में क्या हाल होगा, यह आसानी से समझा जा सकता है। दिल्ली में महिला सुरक्षा के नाम पर बसों में मार्शल तैनात हैं, लेकिन घर के बाहर ही बच्ची सुरक्षित नहीं है। यह कैसी दिल्ली है? उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के मामले में यह नया चलन है कि सुबूत मिटाने के लिए शव का अंतिम संस्कार कर दिया जाए। पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए। उधर अनिल चौधरी ने कहा कि पीड़ित परिवार को न्याय मिले इसके लिए जो भी बन पड़ेगा, किया जाएगा। स्थानीय लोगों ने गांव पहुंचे नेताओं से साफ कह दिया कि उन्हीं को परिवार से मिलने की इजाजत होगी, जो इस मामले में राजनीति नहीं करेंगे। मंच के पास पार्टी का झंडा लहराने पर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई और कहा कि इसे हटाया जाए। लोगों ने कहा कि यह समाज की बेटी के साथ जघन्य अपराध का मामला है। इस पर राजनीति करने की इजाजत किसी भी कीमत पर नहीं दी जाएगी। सामूहिक दुष्कर्म के बाद बच्ची की हत्या के मामले में परिजनों ने आरोपियों को मौत की सजा की मांग की है। मंगलवार को बच्ची के माता-पिता सहित इलाके के सैकड़ों लोगों ने घटनास्थल के पास धरना दिया। बच्ची की मां ने आरोप लगाया कि उनकी सहमति के बिना ही पुजारी ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। उसने कुछ देर के लिए बच्ची के शरीर को दिखाया। उसके होंठ नीले पड़े थे। पुजारी झूठ बोल रहा है कि बच्ची को करंट लगा। आरोपी ने उससे दुष्कर्म किया है। जब लोगों को पता चला तो जलती चिता को बुझाया और शव निकाला। बच्ची के पिता ने एक व्यक्ति पर मारपीट करने और शिकायत दर्ज नहीं करने की धमकी देने का आरोप लगाया। उसने बताया कि घटना के समय वह बाजार गया था। शाम साढ़े सात बजे उसे पता चला कि बेटी के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। उसने बताया कि एक व्यक्ति ने उसे 20 हजार रुपए देने की कोशिश की थी, लेकिन उसने मना कर दिया। लोगों के आक्रोश को देखकर परिक्षेत्र के संयुक्त आयुक्त जसपाल सिंह बच्ची के परिजनों से मिलने पहुंचे। उन्होंने आश्वासन दिया कि आरोपियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उनके साथ पुलिस उपायुक्त इंगित प्रताप सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे। जिला पुलिस उपायुक्त ने बताया कि चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने घटनास्थल से सभी सुबूतों को एकत्र कर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। ऐसे दरिन्दों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। पुलिस को चाहिए कि वह वारदात केस बनाए ताकि आरोपी बच न सकें। इस जघन्य कांड ने एक बार फिर हमें शर्मसार कर दिया है।

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