Wednesday, 4 August 2021
मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक से प्रेस की स्वतंत्रता पर असर
बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के खिलाफ रिपोर्टिंग करने पर मीडिया को रोकने का आदेश जारी करने से प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। हालांकि न्यायमूर्ति गौतम पटेल ने निर्देश दिया कि निजी व्यक्तियों के यूट्यूब चैनलों पर डाली गई तीन वीडियो हटा दिए जाएं और इन्हें फिर से अपलोड नहीं किया जाए क्योंकि वह दुर्भाग्यपूर्ण है और विषय की सच्चाई की जांच करने की तनिक भी कोशिश नहीं करते हैं। अदालत ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता व्यक्ति की निजता के अधिकार के साथ संतुलित रखनी होगी। ऐप पर अश्लील सामग्री कथित तौर पर बनाने और स्ट्रीमिंग (वितरित) करने से जुड़े एक मामले में शिल्पा के पति राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद अभिनेत्री की नैतिकता पर तीनों वीडियो में टिप्पणी की गई थी और उनके अभिभावक के तौर पर भूमिका पर सवाल किए गए थे। अदालत 19 जुलाई को कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद शिल्पा और उनके परिवार के खिलाफ कथित मानहानिकारक आलेख प्रकाशित किए जाने पर अभिनेत्री द्वारा दायर एक मुकदमे पर सुनवाई कर रही है। कुंद्रा (45) अभी न्यायिक हिरासत के तहत जेल में हैं। अदालत से शिल्पा ने एक अंतरिम अर्जी के जरिये मीडिया को किसी भी गलत, झूठी, दुर्भावनापूर्ण और मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने से रोकने का अनुरोध किया था। हालांकि न्यायमूर्ति पटेल ने कहा कि मीडिया को रोके जाने की मांग वाले याचिकाकर्ता के अनुरोध का प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। अदालत ने कहाöअच्छी या खराब पत्रकारिता क्या है, उसकी एक न्यायिक सीमा है क्योंकि यह प्रेस की स्वतंत्रता से बहुत करीबी तौर पर जुड़ा हुआ विषय है। अदालत ने इस बात का जिक्र किया कि शिल्पा ने अपने वाद में जिन आलेखों का जिक्र किया है वह मानहानिकारक नहीं प्रतीत होते हैं। न्यायमूर्ति पटेल ने कहाöयह ऐसा नहीं हो सकता कि यदि आप (मीडिया) मेरे (शिल्पा के) बारे में कुछ अच्छा लिखते हैं या बोल नहीं सकते हैं तो बिल्कुल कुछ नहीं कहिए? अदालत ने इस बात का जिक्र किया कि वाद में उल्लेख किए गए ज्यादातर आलेख पुलिस सूत्रों पर आधारित हैं।
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