Thursday, 5 August 2021

1980 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में महिला हाकी टीम

टोक्यो ओलंपिक में जारी हाकी मुकाबलों में जब भारतीय पुरुष हाकी टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई तो पूरे भारत में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन इस खुशी को सोमवार को भारतीय महिला हाकी टीम ने तब दोगुना कर दिया जब उन्होंने क्वार्टर फाइनल में खिताब की दावेदार मानी जा रही आस्ट्रेलियाई टीम को 1-1 से हरा दिया। भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में पहुंचकर धमाका कर दिया। पुरुषों की टीम तो विश्व चैंपियन बेल्जियम से 5-2 से बेशक हार गई पर उन्होंने बहुत अच्छा हाकी का प्रदर्शन किया है। ऐसा लगता है कि शायद गार्ड मॉटिंग की कोचिंग से भारतीय महिला हाकी टीम में नई जान आ गई। यह वही कोच हैं जिन्होंने ग्रुप मैच में नीदरलैंड के हाथों 1-5 से हार के बाद पूरी टीम को जमकर लताड़ा था। तब लगने लगा कि भारतीय महिला हाकी टीम का टोक्यो में अभियान अब समाप्त होता नजर आ रहा था। पर टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया और अगले मैच में ही आयरलैंड को 1-0 से और पूल के निर्णायक मैच में दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से हरा दिया। इस कांटे के मुकाबले में वंदना कटारिया ने तीन गोल कर हैट्रिक जमाकर एक नया इतिहास लिख दिया। आस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम कभी भी दबाव में नहीं दिखी। उसका डिफैंस बेहद मजबूत था और सात पेनल्टी कार्नर मिलने के बाद भी आस्ट्रेलियाई टीम उसका डिफेंस तोड़ नहीं पाई। इससे पहले भारतीय पुरुष टीम 1972 में मैक्सिको ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थी। मैच में विजेता गोल करने वाली गुरजीत कौर ने कहा कि पूरी टीम ने जबरदस्त तैयारी की थी। उन्होंने कहा कि 1980 से (41 साल के बाद) पहली बार सेमीफाइनल में पहुंच कर गर्व महसूस कर रही हैं। पूरे देश की दुआएं महिला टीम के साथ है। उम्मीद करते हैं कि वह अगले मैचों में भी यही लह रखेंगी और देश को गौरवांवित करेंगी। बेस्ट आफ लक। -अनिल नरेन्द्र

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