Wednesday, 11 August 2021

नाम बदलने पर भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने

देश के सर्वोच्च खेल सम्मान का नाम राजीव गांधी खेल रत्न से बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न किए जाने पर भाजपा-कांग्रेस में जुबानी जंग तेज हो गई है। एक तरह से भाजपा ने इस फैसले का स्वागत किया है, वहीं कांग्रेस ने सवाल कियाöक्या नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम भी बदलेगी केंद्र सरकार? कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हम मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार रखने का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी नाम से नहीं अपने कर्म से जाने जाते हैं। वह आधुनिक भारत के निर्माता थे। उन्होंने सरकार के इस फैसले को अपनी झेंप मिटाने की कोशिश करार दिया है। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार के इस फैसले के बाद उम्मीद है कि अब खिलाड़ियों के नाम पर स्टेडियम का नाम रखा जाए, इसलिए सबसे पहले नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अरुण जेटली स्टेडियम का नाम बदल देना चाहिए। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मैरी कॉम, सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, गोपीचंद सहित दूसरे खिलाड़ियों के नाम पर स्टेडियमों के नाम रखे जाएं। अरविंद सावंत शिवसेना सांसद ने कहा कि खेल रत्न का नाम बदलना गलत है। हर मुद्दे में राजनीति करना ठीक नहीं है। राजीव गांधी किसी पार्टी नहीं, बल्कि देश के प्रधानमंत्री थे। इसलिए इस तरह के फैसलों से मोदी सरकार को बचना चाहिए। मेजर ध्यानचंद के नाम से कोई और पुरस्कार भी दिया जा सकता था या कोई नया पुरस्कार भी शुरू किया जा सकता था, पर राजीव गांधी के नाम से पुरस्कार को बदलकर मेजर ध्यानचंद पुरस्कार करना सही नहीं माना जा सकता, वहीं भाजपा ने पलटवार किया और केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहाöखेल रत्न अवार्ड को देश के महानतम खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। यह खेल जगत से जुड़े हर व्यक्ति के लिए गर्व का निर्णय है। केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि खेल रत्न का नाम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखे जाने का कोई औचित्य ही नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि मैं आज तक समझ नहीं सका हूं कि खेल रत्न सम्मान राजीव गांधी के नाम पर क्यों था? उन्होंने तो अपने जीवनकाल में कभी हॉकी स्टिक तक नहीं पकड़ी थी। इस पर सवाल किया जा सकता है कि भाजपा नेताओं ने कितने खेलों में महारथ हासिल की थी जो इनके नाम पर बड़े-बड़े स्टेडियमों के नाम रखे जा रहे हैं?

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