Wednesday 9 November 2011

26/11 मुंबई हमलों का मास्टर माइंड थी आईएसआई

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 9th November 2011
अनिल नरेन्द्र
बीबीसी ने दो हिस्सों में हाल ही में एक कार्यक्रम प्रसारित किया जिसे `सीकेट पाकिस्तान' नाम दिया गया था। कार्यक्रम के पहले हिस्से में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सलाहकार रहे सीआईए अधिकारी ब्रस रडिल को कोट किया गया है। उन्होंने मुंबई हमले के वक्त राष्ट्रपति को सूचित किया था, `हर अंगुली पाकिस्तान की ओर उठ रही है। यह एक निर्णायक क्षण है।' पाक से आए आतंकवादियों ने 26 नवम्बर 2008 को मुंबई के कई प्रमुख स्थानों पर हमला किया था। उस वक्त ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हो गए थे हालांकि उन्होंने शपथ नहीं ली थी। अमेरिकी व्यवस्था के अनुसार उन्होंने जनवरी 2009 में शपथ ली थी। रडिल ने कहा, `मैंने पाकिस्तानी राष्ट्रपति से कहा कि वे हमारे साथ दोहरा खेल खेलना बन्द करें। उनसे यह भी कहा गया कि पाक सालों से अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ ऐसा कर रहा है। उसके आगे भी ऐसा ही करते रहने का अंदेशा है।' रडिल ने कहा, `इन हमलों में हर जगह लश्कर-ए-तोयबा की छाप नजर आती है। हमलों की शुरुआत से लगने लगा कि लश्कर की करतूत है।' उन्होंने कहा कि एक बार जब आप लश्कर से इन हमलों को जोड़ते हैं तो आप इसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी जोड़ेंगे। इस कार्यक्रम के दूसरे हिस्से में कहा गया है, `सीआईए को यह जानकारी मिली थी कि मुंबई के हमले में आईएसआई सीधे तौर पर शामिल थी।' काबुल में जुलाई 2008 में विस्फोट से लदी कार को भारतीय दूतावास के निकट उड़ा दिया गया था। इस हमले में 58 लोग मारे गए थे और 141 घायल हुए थे। अमेरिकी उपराष्ट्रपति के कार्यकाल में काम कर चुके माइक वाल्ट्सं का कहना है, `सूचना और सिलसिलेवार घटनाक्रमों से पूरी तरह स्पष्ट हो गया था कि काबुल में विस्फोट करने वाले हक्कानी नेटवर्प को पाक का समर्थन मिला हुआ था।' उस वक्त काबुल में ब्रिटिश राजदूत शेरर्ड कोपेर कोलेस ने कहा कि आईएसआई का एक छोटा धड़ा हक्कानी नेटवर्प के सम्पर्प में है। इनके बारे में पश्चिमी देशों को कभी जानकारी नहीं मिली। इस कार्यक्रम में तालिबान के कुछ स्वयंभू कमांडरों ने खुलासा किया कि ब्रिटेन और अमेरिका के सैनिकों के खिलाफ तालिबान की लड़ाई में पाक का समर्थन मिलता है। एक स्वयंभू कमांडर मुल्ला अजीजुल्ला के मुताबिक आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण शिविर चला रहे विशेषज्ञ आईएसआई के सदस्य हैं। उनका किसी न किसी तरह इस खुफिया एजेंसी से जुड़ाव है। उसने कहा कि वे पहले हमें विस्फोटों के बारे में बताते हैं, उसके बाद हम लोगों को व्यवहारिक जानकारियां दी जाती हैं। प्रशिक्षण के समय वे शिविर में मौजूद रहते हैं। बीबीसी तो अपनी स्वतंत्र रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है। उनका हर प्रोग्राम सोच समझकर दिया जाता है। जब बीबीसी कहता है कि आईएसआई मुंबई हमलों का मास्टर माइंड थी तो यह सही ही है।
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