Thursday 10 November 2011

अर्द्धनग्न युवतियों और किन्नर के बीच भगवाधारी स्वामी


Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 10th November 2011
अनिल नरेन्द्र
एक 72 वर्षीय भगवाधारी स्वामी का भला टीवी रिएलिटी शो बिग बॉस में क्या काम? स्वामी अग्निवेश अब बिग बॉस जैसे बेहूदा शो में भाग ले रहे हैं। इधर नई दिल्ली में साधु-संत गौ हत्या रोकने के लिए जन्तर-मन्तर पर धरना दे रहे हैं और उधर स्वामी अग्निवेश वाइल्ड कार्ड के जरिये बिग बॉस के घर वहां रह रही सुन्दरियों को अपना जौहर दिखाएंगे। बिग बॉस के घर रहने वाले ज्यादातर चेहरे फिल्मों, टीवी और फैशन जगत से जुड़े हैं। सीरियल निर्माताओं की कोशिश रहती है कि यहां रहने वालों के बीच कुछ न कुछ ऐसा होता रहे जिससे कि सीरियल की टीआरपी बढ़ती रहे। इसके लिए कई बार बिग बॉस के घर रहने वाले फूहड़ता के संवाद बोलते दिखाई देते हैं। कई बार कम कपड़ों में बदन दिखाने का हथकंडा अपनाया जाता है। महिलाएं लड़ने-झगड़ने का नाटक करती रहती हैं। सब कुछ नाटकीय अन्दाज में होता है। स्वामी अग्निवेश नाटक करने में महारथी हैं और वह यहां जरूर नया रंग भर देंगे। आजीवन पुंवारे रहे स्वामी इस तड़क-भड़क के शो में क्या `स्वामीगिरी' दिखाएंगे यह देखने वालों के लिए शायद दिलचस्प हो। स्वामी अग्निवेश विश्वासघात करने के आरोप में टीम अन्ना से हाल ही में अलग हुए थे इसलिए मनोरंजन चैनल के इस कदम को सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। गौरतलब है कि बिग बॉस सीजन 5 की शुरुआत 2 अक्तूबर को हुई थी। बिग बॉस के घर में शुरू में 12 महिलाएं, एक किन्नर (लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी) और एक पुरुष (अभिनेता शक्ति कपूर) की एंट्री हुई थी। मगर जैसे-जैसे बिग बॉस के घर के भीतर का ड्रॉमा आगे बढ़ा कई कलाकार बाहर होते गए। इसी कड़ी में स्वामी अग्निवेश की मंगलवार की एंट्री हुई। स्वामी अग्निवेश के बिग बॉस में जाने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए टीम अन्ना के सदस्य मनीष सिसौदिया ने इसे उनकी सही `उपयोगिता' बताया है। उनके अनुसार हर इंसान की उपयोगिता होती है और शायद उन्होंने इसे अपने लिए उपयोगी समझा होगा। जब से बिग बॉस में अग्निवेश की जाने की खबर आई है यह टीम अन्ना के किसी सदस्य की पहली प्रक्रिया है।
उधर मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी अग्निवेश को कड़ी फटकार लगाई। अमरनाथ श्रद्धालुओं पर स्वामी अग्निवेश की कथित विवादास्पद टिप्पणी पर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने कहा कि लोगों की भावनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता और अगर उन्होंने यह बयान दिया है तो वह बच नहीं सकते। अग्निवेश ने अपने खिलाफ आपराधिक कार्रवाई को खारिज करने के लिए न्यायालय में याचिका दायर की थी। उन्होंने अपने मामले में और समय की मांग की जिसके बाद न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की पीठ ने मामले को सोमवार के लिए टाल दिया। पीठ ने कहा कि आप लोगों की भावनाओं को हल्के में नहीं ले सकते। पीठ ने कहा कि हर साल बड़ी संख्या में लोग जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं। गौरतलब है कि अग्निवेश ने कथित रूप से अमरनाथ यात्रा को धार्मिक पाखंड कहा था और पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने अपने खिलाफ आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने की अग्निवेश की याचिका खारिज कर दी थी। अग्निवेश ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि अगर अग्निवेश ने यह टिप्पणी की है तो वह बच नहीं सकते। न्यायालय ने कहा कि व्यक्तियों को सार्वजनिक जगहों पर बयान देने में सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि लोगों को सार्वजनिक तौर पर बोलने से पहले 10 बार सोच लेना चाहिए। गौरतलब है कि मई में जम्मू के दौरे में अग्निवेश ने कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आता कि लोग ऐसी यात्राओं पर क्यों जाते हैं और उन्होंने अमरनाथ गुफा में बनने वाले शिवलिंग को भौगोलिक घटना बताया था। अब स्वामी जी से प्रश्न किया जा सकता है कि आप बिग बॉस के घर में क्या कर रहे हैं यह पाखंड नहीं तो और क्या है? स्वामी ने कहा कि उनका मानना है कि बिग बॉस संसद से तो बेहतर है।
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