पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में एक साथ
कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। नया सेनाध्यक्ष, नया मुख्य न्यायाधीश, नया रक्षा
मंत्री। यह परिवर्तन पाकिस्तान के भविष्य के लिए क्या संकेत देते हैं? नए
सेनाध्यक्ष के चयन के साथ नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति और साथ ही कुछ मंत्रियों
के विभागों में फेरबदल के साथ नए रक्षा मंत्री की घोषणा हालांकि वैसे है तो यह
पाकिस्तान का आंतरिक मामला लेकिन पड़ोसी होने के नाते भारत समेत अंतर्राष्ट्रीय
समुदाय इसका आंकलन अवश्य करेगा कि इस बदलाव के साथ पाकिस्तान की नीतियों व दृष्टिकोण
में कोई फर्प देखने को मिलेगा? दूध का जला मट्ठा भी पूंक कर पीता हैöपाकिस्तानी
सेना को उसका नया चीफ सौंपने में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस कहावत का बाखूबी
ख्याल रखा है। दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना की जिम्मेदारी सम्भालने वाले नए
सेनाध्यक्ष राहिल शरीफ अपने देश में एक चिन्तक फौजी के रूप में जाने जाते हैं।
उन्होंने ऐसे मौके पर कमान पकड़ी है जब पाकिस्तान गम्भीर चुनौतियों से गुजर रहा
है। नवाज शरीफ के लिए यह चौथा मौका था, जब उन्होंने सेनाध्यक्ष का चयन करना था।
पहले दो मौकों पर अपने हाथों से ही बनाए सेना प्रमुखों से नवाज मात खा चुके थे और
कुर्सी के साथ देश तक छोड़ने के लिए मजबूर हुए थे। तीसरे मौके पर चुने गए सेना
प्रमुख को मुशर्रफ की बगावत के कारण कुर्सी पर बैठने का मौका ही नहीं मिला। इस बार
नवाज शरीफ ने नया सेना प्रमुख चुनने में बहुत अहतियात बरती है। राहिल वर्तमान सेना
प्रमुख जनरल अशफाक कयानी का स्थान लेंगे। 61 वर्षीय कयानी 29 नवम्बर को रिटायर हो
गए हैं। रहील शरीफ का परिवार पंजाब का है और ऐसे सैनिक परिवार से आते हैं जिसके कई
सदस्यों ने पाक सेना में भरपूर प्रतिष्ठा कमाई है। वह अपने पूर्वाधिकारी अशफाक
कयानी के उलट जिहाद की राजनीति में भरोसा नहीं रखते और दहशतगर्दों को देश के लिए
घातक मानते हैं। राहिल को कई वरिष्ठ अफसरों को सुपर सीड कर नया चीफ बनाया गया है।
नवाज शरीफ पाकिस्तानी सेना का राजनीति में दखल देना कम करना चाहते हैं। इस कदम को
उसी दृष्टि से देखा जा रहा है। यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि पाकिस्तानी सेना
की पाकिस्तानी नीतियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? पाकिस्तान में `जेंटलमैन जज' के नाम
से मशहूर तसादुक हुसैन जिलानी को देश का नया चीफ जस्टिस नामित किया गया है। वह
इफ्तिखार चौधरी की जगह लेंगे जिन्होंने (चौधरी) भ्रष्टाचार और भ्रष्ट प्रशासन के
खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था। राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने जिलानी की नियुक्ति
पर मुहर लगा दी है। चीफ जस्टिस इफ्तिखार चौधरी की छवि न्यायपालिका को मजबूत बनाने
वाले जज के तौर पर रही है। कई बार सरकार और शक्तिशाली पाक सेना के साथ उनकी टकराव
की स्थिति बनी। उनकी कार्रवाई के कारण पूर्व प्रधानमंत्री गिलानी को पद से हटना
पड़ा। तत्कालीन राष्ट्रपति जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को दोबारा खोलने
के लिए गिलानी ने स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने से मना कर दिया था। ख्वाजा
मुहम्मद आसिफ को पाकिस्तान का नया रक्षा मंत्री बनाने की घोषणा हुई है। जून में पद
सम्भालने के बाद अभी तक नवाज शरीफ ने यह पद अपने पास ही रखा था। देखना अब यह है कि
नए सेनाध्यक्ष, नए रक्षा मंत्री की नियुक्ति का पाकिस्तान की विदेश खासकर भारत व
अमेरिका के प्रति क्या नीति होती है? पाकिस्तान के अन्दर भी चुनौतियां कम नहीं
हैं। यह महत्वपूर्ण परिवर्तन है, उम्मीद है कि यह सकारात्मक दिशा में होंगे।
-अनिल नरेन्द्र
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