Saturday 28 December 2013

कांग्रेस विरोधी लहर पर टिकी हैं भाजपा की उम्मीदें

चार राज्यों में जीत से उत्साहित भारतीय जनता पार्टी अब लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विरोधी लहर का पूरा फायदा उठाने की कवायद में जुट गई है। भाजपा की कोशिश होगी कि कांग्रेस विरोधी लहर में कोई विभाजन न हो। `मोदी फॉर पीएम' के नारे के साथ भाजपा ने अपने मिशन 2014 का रोड मैप तैयार कर लिया है। आम चुनाव में अब केवल चार महीने बाकी हैं और पार्टी ने 60 दिन तैयारी के  लिए और 60 दिन प्रचार के लिए तय किए हैं। नरेन्द्र मोदी ने पार्टी के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय पदाधिकारियों और प्रदेशाध्यक्षों को जीत के लिए फॉर्मूला बताया। कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 206 और भाजपा को 116 सीटें मिली थीं। कांग्रेस जिन सीटों पर जीती थी, उन पर अधिकतर भाजपा नम्बर-दो थी। ऐसी सीटों पर भाजपा-कांग्रेस में मतों का अन्तर सिर्प 89 लाख था। बीते पांच साल में ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में 12 लाख नए मतदाता जुड़े हैं। केंद्र में कांग्रेस के 10 साल के शासन के खिलाफ भाजपा चार्जशीट लाएगी। पार्टी ने खुद के दम पर 272 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। देशभर की 400 लोकसभा सीटों  पर पार्टी अपने उम्मीदवार चुनने से पहले सभाएं करेगी। पार्टी ने जनसंघ की परम्परा को पुनर्जीवित करते हुए देशभर में 10 करोड़ घरों तक जाकर एक वोट और एक नोट (10 रुपए से लेकर एक हजार रुपए) के जरिये चुनावी चन्दा जमा करने का फैसला भी किया है। दिल्ली में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद भाजपा महासचिव अनंत कुमार ने कहा कि यह अभियान वैसा ही होगा जैसा 1977 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चलाया गया था। तब केंद्र की कांग्रेस सरकार के खिलाफ सम्पूर्ण क्रांति का नारा देते हुए अभियान चला था। दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) ने जनता से ही चन्दा मांगा था। इस तरह उसने आम वोटरों को अपने अभियान का हिस्सा बनाने की कोशिश की। भाजपा का `वन वोट वन नोट' अभियान भी इसी तर्ज पर चलाया जाएगा। इसे मोदी की बनाई रणनीति माना जा रहा है। ध्यान रहे कि कांग्रेस की पिछली सरकार लगभग 12 करोड़ मतदाताओं के समर्थन से बनी थी जबकि भाजपा लगभग आठ करोड़ मतों के साथ 116 के ही आंकड़े पर रुक गई थी। गौरतलब है कि जिन सीटों पर भाजपा कांग्रेस के बाद नम्बर दो पर रही थी उन सीटों पर भाजपा को लगभग 90 लाख कम वोट मिले थे। 2014 के आम चुनावों में कांग्रेस मुक्त भारत का नारा बुलंद करने वाली भाजपा ने युवा मतदाताओं खासकर पहली बार अपने मताधिकारों का प्रयोग करने वाले युवाओं को जोड़ने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाने का फैसला किया है। पार्टी द्वारा जारी मिशन 272 के केंद्र में युवा मतदाताओं को ही रखा गया है। युवाओं को लुभाने के लिए पहले तो पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने मतदान को देश के अभियान के साथ जोड़ते हुए युवाओं को आकर्षित करने की कोशिश की है वहीं दूसरी तरफ इंडिया 272 डॉट कॉम के जरिये सोशल मीडिया पर सक्रिय युवाओं को पार्टी से जोड़ने का अभियान छेड़ा है। दरअसल दिल्ली में आम आदमी पार्टी के हक में युवाओं द्वारा किए गए उलटफेर को देखते हुए भाजपा को अपनी पूरी रणनीति पर पुनर्विचार करने को मजबूर होना पड़ा है। भाजपा को देखना यह भी होगा कि पदभार सम्भालने के बाद अरविन्द केजरीवाल एण्ड पार्टी की कारगुजारी कैसी रहती है। यह किसी से अब छिपा नहीं कि आप पार्टी भाजपा को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी और उसके निशाने पर हैं नरेन्द्र मोदी।

-अनिल नरेन्द्र

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