Wednesday, 14 February 2018

घाटी की बजाय अब जम्मू क्षेत्र आतंकी निशाने पर

भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान व उसके आतंकियों ने पिछले कुछ समय से कश्मीर घाटी को छोड़कर जम्मू क्षेत्र में हमले बढ़ा दिए हैं। खबर है कि पाकिस्तानी आकाओं के निर्देश पर ही घाटी के आतंकी जम्मू क्षेत्र में लगातार हमले कर रहे हैं। जैश--मोहम्मद के आतंकियों ने शनिवार तड़के जम्मू स्थित सुंजवां सैन्य शिविर पर फिदायीन हमला कर दिया। सुंजवां कैंप पर हमले में भाग लेने वाले चार आतंकियों को मार गिराया जबकि हमारे पांच जवानों समेत छह शहीद हुए। सुंजवां में हमला करने वाले आतंकी पूरी तैयारी के साथ आए थे। दहशतगर्दों के पास भारी मात्रा में गोला-बारूद था। सूचना के मुताबिक ग्रेनेड और आईईडी जैसे विस्फोटक भी थे। सुंजवां कैंप जम्मू-पठानकोट नेशनल हाइवे के बाइपास पर स्थित है। यह शहर की घनी बस्ती के इलाके में आता है और यहां करीब तीन हजार जवान परिवार के साथ रहते हैं। 2006 में भी इसी आर्मी कैंप पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें 12 जवान शहीद हो गए थे, सात अन्य जख्मी हुए थे। यह हमला लश्कर ने किया था। तब साढ़े चार घंटे तक मुठभेड़ चली थी। सुंजवां में आतंकी हमला करने वाले आतंकी जैश--मोहम्मद के बताए जा रहे हैं। यह अफजल ब्रिगेड से संबंध रखते हैं। बार-बार इनपुट मिल रहे थे कि जैश के आतंकी सैन्य शिविर पर फिदायीन हमला करने की साजिश रच रहे हैं। बावजूद इसके हमला होना सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों की ओर से लगातार इनपुट जारी हो रहे थे लेकिन जिला पुलिस ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस का अपना खुफिया तंत्र भी किसी काम नहीं आया। जैश की ओर से कहा गया था कि अफजल गुरु की बरसी यानी नौ फरवरी को वह आतंकी हमला करेंगे। अखनूर से लेकर कठुआ तक के नेशनल हाइवे के पास स्थापित सैन्य शिविरों को निशाना बनाने की जानकारी थी। इससे पहले जब पुलवामा में सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर पर हमला हुआ था तो उस वीडियो में आतंकी यह कहता नजर आया था कि अफजल ब्रिगेड अफजल की बरसी पर हमला करेगा। आतंकियों और उनके आकाओं ने अपनी रणनीति में परिवर्तन किया है। अब ज्यादा ध्यान जम्मू क्षेत्र में दिया जा रहा है और दूसरा यह है कि अब आतंकी हमारे सैनिकों के परिवारों को निशाना बना रहे हैं। सुंजवां हमले में भी आतंकियों ने घुसने के बाद सीधे पारिवारिक क्वाटरों की तरफ रुख किया। क्वाटरों में पहुंचते ही आतंकी अलग-अलग हो गए। सैन्य क्वाटरों में रहने वाले मेजर अपनी बेटी के साथ सुबह सैर कर रहे थे। लड़की ने सैन्य वर्दी में आतंकियों को भागते देख उनसे पूछाöअंकल आप क्यों भाग रहे हैं? इस पर आतंकियों ने फायर झोंक दिया। इसमें मेजर और उनकी बेटी घायल हो गई। आतंकियों ने गोलियां चलाते हुए ब्रिगेड के आयुध भंडार में घुसने की कोशिश की, लेकिन वहां तैनात जवानों की जवाबी कार्रवाई से आतंकी अलग-अलग बंट गए और गोलीबारी करते हुए सैनिकों के आवासीय क्षेत्र में छिप गए। पाक सेना द्वारा फायरिंग और घुसपैठ की कोशिशें भी अब जम्मू क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से कराई जाने लगी हैं। अभी तक भारतीय सेना का पूरा फोकस नियंत्रण रेखा एवं दक्षिणी कश्मीर पर था पर आतंकियों एवं पाक सेना के रुख बदलने से हमारी सेना को भी रणनीति में बदलाव करना जरूरी है।

-अनिल नरेन्द्र

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