पीएनबी और रोटोमैक बैंक घोटाले पर मिल रही फीडबैक से
भाजपा परेशान है। आम लोगों की तरफ से मिल रहे फीडबैक के मुताबिक घोटाले को लेकर भाजपा
के तर्क पर लोग सवाल उठा रहे हैं। फीडबैक के मुताबिक विपक्ष की स्थिति खासकर कांग्रेस
अध्यक्ष राहुल गांधी की स्थिति मजबूत हो रही है। सूत्रों के अनुसार भाजपा को उसके जमीनी
कार्यकर्ताओं के मार्फत आम लोगों की तरफ से नकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। भाजपा
का अपनी सफाई में यह कहना कि घपले यूपीए सरकार के समय हुए इससे लोग सहमत नहीं हैं।
लोगों की तरफ से सवाल खड़ा किया जा रहा है,
वह यह है कि एनडीए सरकार के समय ही बड़े अपराधी विदेश क्यों भाग रहे
हैं? पहले विजय माल्या और अब नीरव मोदी। क्या भाजपा सरकार को
यह मालूम नहीं था कि इन्होंने हजारों करोड़ रुपए का गबन किया है? जानते हुए भी उन्हें भागने का मौका कैसे मिल गया? आगे
का रास्ता कठिन प्रतीत होता है। पीएनबी फ्रॉड केस का असर संबंधित बैंकों पर तकरीबन
20 हजार करोड़ रुपए का पड़ सकता है। देश के बैंकिंग इतिहास की सबसे बड़ी
बैंक धोखाधड़ी के मुख्य कर्ताधर्ता नीरव मोदी ने पीएनबी को लिखी एक चिट्ठी में कहा
है कि बैंक ने मामले को सार्वजनिक कर उससे बकाया वसूलने के सारे रास्ते बंद कर लिए
हैं। इसके साथ ही मोदी ने दावा किया है कि पीएनबी का उसकी कंपनियों पर बकाया बैंक द्वारा
बताई गई राशि से बेहद कम है। पीएनबी प्रबंधन को 15-16 फरवरी को
दिए एक पत्र में मोदी ने कहा कि उसकी कंपनियों पर बैंक का बकाया 5000 करोड़ रुपए से कम है, नीरव मोदी के शोरूम से जब्त किए
गए हीरे-जेवरात को नीलाम कर घोटाले का पैसा वसूलना भी आसान नहीं
है। इसमें पांच से सात साल का वक्त भी लग सकता है। ऐसे में सरकार का इन हीरे-जेवरात की सुरक्षा पर भी लाखों रुपए अलग से खर्च होंगे। नीरव मोदी के ठिकानों
से प्रवर्तन निदेशालय ने 5649 करोड़ रुपए के गहने जब्त किए हैं।
जानकारों के मुताबिक अभी तो पीएनबी ही पूरी तरह से यह नहीं बता रहा कि मेहुल चौकसी
और नीरव मोदी पर कितना पैसा बकाया है। उल्टा चोर कोतवाल को डांट रहा है। नीरव मोदी
कहते हैं कि मैं अब एक पैसा नहीं लौटाऊंगा।
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