Sunday 25 February 2018

जनरल रावत के बयान से सियासी दलों में खलबली



सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत के बांग्लादेशी घुसपैठ और उसके चलते असम में एआईयूडीएफ जैसी पार्टी की राजनीतिक मजबूती पर दिए बयान ने सियासी रंग ले लिया है। सेना प्रमुख जनरल रावत ने मंगलवार को कहा था कि पूर्वोत्तर में बांग्लादेश से प्रवासियों का योजनाबद्ध प्रवेश पाकिस्तान द्वारा छद्म युद्ध के तहत किया जा रहा है। इसी कारण बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाली एआईयूडीएफ की वृद्धि 1980 के दशक में भाजपा की तुलना में काफी तेज गति से हो रही है। असम की एआईयूडीएफ पार्टी के नेता बदरुद्दीन अजमल ने जनरल रावत के बयान पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि संविधान सेना प्रमुख को राजनीति में संलग्न होने का अधिकार नहीं देता। लोकसभा सदस्य और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीrन ओवेसी ने कहा कि सेना प्रमुख को राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। किसी राजनीतिक दल के विकास पर बयान देना उनका काम नहीं है। लोकतंत्र और संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है। भारत में सेना हमेशा चुनी हुई नागरिक सरकार के अधीन काम करती रहेगी। कटु सत्य तो यह है कि यह कोई नई या गोपनीय बात नहीं कि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ साजिश का भी हिस्सा है। यह एक तरफ है कि पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ-साथ बांग्लादेश की सीमांत इलाकों में भी आबादी के संतुलन को बदलने की कोशिश हो रही है। कई क्षेत्रों में तो यह बदल भी गया है और उसके कारण तमाम समस्याएं भी उभर आई हैं, लेकिन बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए जैसी कोशिश होनी चाहिए वह नहीं हो रही है। दुख तो इस बात का है कि जब कभी बांग्लादेश से आए अवैध घुसपैठियों को वापस भेजने की बात होती है तो उस पर किसी न किसी तर्क  व आपत्ति खड़ी करने वाले सामने आ जाते हैं। जनरल रावत ने सही कहा है कि बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ के पीछे पाकिस्तान का हाथ है और इस मामले में चीन भी उसकी मदद कर रहा है। निसंदेह आदर्श स्थिति यही कहती है कि सेना प्रमुख को सियासी दलों के उत्थान-पतन की तेजी पर चर्चा से बचना चाहिए, लेकिन क्या पूर्वोत्तर के हालात आदर्श स्थिति के सूचक हैं? विभिन्न राजनीतिक दल अपने-अपने वोट बैंक की खातिर जनरल रावत के बयान पर हंगामा कर सकते हैं, लेकिन इस सच्चाई से नहीं छिपा जा सकता कि प. बंगाल, असम के साथ पूर्वोत्तर राज्यों में किस तरह कुछ राजनीतिक दलों ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देकर अपनी राजनीति चमकाई है।

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